संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations General Assembly) के इतर शाहबाज़ शरीफ़ (Shahbaz Sharif) और असीम मुनीर (Asim Munir) ने डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) से मुलाक़ात की. शरीफ़ और असीम मुनीर इस मुलाक़ात के लिए इतने उत्सुक थे कि असीम ने अपनी वर्दी उतारकर अमेरिकी ओवल ऑफिस के लिए एक नया सूट पहन लिया. पूरी मुलाक़ात के दौरान, ऐसा लग रहा था जैसे दोनों नेता ट्रंप को खुश करने की कोशिश कर रहे थे.
तस्वीर वायरल
इस मुलाक़ात की एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें मुनीर डोनाल्ड ट्रंप को एक डिब्बे में कुछ दिखा रहे हैं. ऐसा लग रहा है कि वह पाकिस्तानी खदानों से निकली धातुओं, दुर्लभ मृदा और कीमती पत्थरों का एक उपहार दे रहे हैं. इससे पता चलता है कि असीम मुनीर पाकिस्तान के संसाधन ट्रंप को बेचने के लिए तैयार हैं.
व्हाइट हाउस की इस तस्वीर ने कई बहसें छेड़ दी हैं. कहा जा रहा है कि पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर ने बलूचिस्तान, ख़ैबर पख़्तूनख़्वा और अन्य क्षेत्रों में दुर्लभ खनिजों के अधिकार ट्रंप को सौंपकर पाकिस्तान को अमेरिका को बेच दिया है.
गौरतलब है कि अब तक इन क्षेत्रों में चीन के विशेष अधिकार थे और उसकी कंपनियां वहां काम कर रही थीं. ट्रंप एक व्यवसायी हैं और इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि वे पाकिस्तान को व्यापार के लिए अमेरिका का सबसे अच्छा दोस्त कहेंगे.
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अमेरिकी कंपनी के साथ समझौते
गौरतलब है कि 8 सितंबर को इस्लामाबाद में अमेरिकी कंपनी यूनाइटेड स्टेट्स स्ट्रैटेजिक मेटल्स (USSM) के साथ एक हाई-प्रोफाइल डील हुई थी, जहां शरीफ और मुनीर ने अमेरिकी कंपनी के साथ दो समझौतों पर हस्ताक्षर किए थे. इन समझौतों में एंटीमनी, तांबा, सोना, टंगस्टन और दुर्लभ मृदा तत्वों सहित महत्वपूर्ण खनिजों के निर्यात के साथ-साथ पाकिस्तान के भीतर एक खनन सुविधा का निर्माण शामिल है.
शरीफ के कार्यालय ने कहा कि पहले चरण में लगभग 500 मिलियन डॉलर का अमेरिकी निवेश शामिल है. हालाँकि, इस समझौते में बाध्यकारी खनन लाइसेंस शामिल नहीं हैं.
ट्रंप ने शाहबाज और मुनीर को महान नेता बताया
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को ओवल ऑफिस में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ और असीम मुनीर से मुलाकात की. इस बैठक में विदेश मंत्री मार्को रुबियो भी मौजूद थे. बैठक से पहले, ट्रंप ने दोनों मेहमानों को महान नेता बताया, जिससे अमेरिका-पाकिस्तान संबंधों में घनिष्ठता का संकेत मिलता है.

