ब्लैक सी… इस नाम को सुनते ही दिमाग में सवाल उठता है कि आखिर इसे ‘काला’ क्यों कहा जाता है? क्या यहाँ पानी काला है? या कोई ऐसा रहस्य छिपा है जिसने इसे दुनिया का सबसे डरावना समुद्र बना दिया? हाल ही में इसी ब्लैक सी में ऑयल टैंकर में धमाकों से आग लग गई और क्रू को तुरंत बाहर निकाला गया. ये वही समुद्र है, जिसे दुनिया का सबसे खतरनाक समुद्री इलाका कहा जाता है. यहाँ का मौसम अचानक बिगड़ जाता है, तेज़ हवाएँ और ऊँची-ऊँची लहरें जहाज़ों को दो सेकंड में निगल सकती हैं. इतना ही नहीं, इसकी गहराई में ऑक्सीजन न के बराबर है, जिससे 90 मीटर के नीचे समुद्री जीवन पूरी तरह खत्म हो जाता है. पानी में जमा हाइड्रोजन सल्फाइड इसे और रहस्यमयी और खतरनाक बनाता है. इसके बावजूद, रूस, यूक्रेन, जॉर्जिया, रोमानिया और बुल्गारिया जैसे देश इसी समुद्री रास्ते से तेल पूरी दुनिया तक पहुँचाते हैं. सोचिए, अगर ब्लैक सी का ये रास्ता बंद हो जाए तो? सप्लाई रुक जाएगी, खर्च बढ़ जाएगा और तेल की कीमतें आसमान छूने लगेंगी! ग्लोबल इकॉनमी हिल जाएगी. यानी काला सागर सिर्फ एक समुद्र नहीं, बल्कि दुनिया की तेल लाइफ़लाइन है और यही वजह है कि इसकी हर हलचल पर दुनिया की नज़र टिकी रहती है.
दुनिया का सबसे खतरनाक समुद्री इलाका
ब्लैक सी को अक्सर दुनिया के सबसे खतरनाक समुद्री इलाकों में से एक कहा जाता है. इसका सबसे बड़ा कारण इसका अनप्रेडिक्टेबल मौसम, तेज़ हवाएँ और खतरनाक लहरें हैं. गहराई में ऑक्सीजन की कमी और हाइड्रोजन सल्फाइड की मौजूदगी भी इसे खतरनाक बनाती है. ब्लैक सी का खतरनाक मौसम इसे बहुत खतरनाक बनाता है. ब्लैक सी यूरोपियन और एशियन कॉन्टिनेंट के बीच में है. यहाँ तेज़ हवाएँ चलती हैं, जिससे नेविगेशन मुश्किल हो जाता है. इसके अलावा, लहरें बहुत खतरनाक और खतरनाक होती हैं, जो जहाज़ों के लिए जानलेवा साबित होती हैं.
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ऑक्सीजन की कमी
ब्लैक सी के गहरे पानी में ऑक्सीजन की बहुत कमी है। इस कमी से एक डेड ज़ोन बन जाता है. इस डेड ज़ोन में 90 मीटर से नीचे समुद्री जीवों को ऑक्सीजन नहीं मिलती. इसके अलावा, पानी की गहराई में ऑक्सीजन की कमी से सड़ने वाली चीज़ें और हाइड्रोजन सल्फाइड जमा हो जाते हैं, जिससे पानी का रंग और बदल जाता है. हाल के सालों में, कई बार तेल रिसाव भी हुआ है, जिससे यह इलाका और भी खतरनाक हो गया है. इससे समुद्री जीवों को काफी नुकसान हुआ है.
अगर रास्ता बंद हो गया तो क्या होगा?
रूस, यूक्रेन, जॉर्जिया, रोमानिया और बुल्गारिया जैसे देश ब्लैक सी के ज़रिए तेल ट्रांसपोर्ट करते हैं, और ये देश इसी समुद्री रास्ते से अपना तेल एक्सपोर्ट करते हैं. इससे यह सवाल उठता है: अगर यह रास्ता बंद हो गया तो ये देश क्या करेंगे? अगर यह रास्ता बंद हो गया, तो रूस जैसे देशों को तेल पहुंचाने के लिए मेडिटेरेनियन सी समेत दूसरे समुद्री रास्ते ढूंढने होंगे. हालांकि, इस रास्ते का इस्तेमाल करने से सप्लाई में देरी होगी और खर्च बढ़ेगा. इसके अलावा, तेल की खपत कम करनी होगी, जिससे तेल की कीमतों में तेज़ी से बढ़ोतरी होगी, जिससे दुनिया भर में संतुलन बिगड़ सकता है. कुल मिलाकर, अगर यह रास्ता बंद हो जाता है, तो देश भर के देशों में सप्लाई में रुकावट आएगी.
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