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शेख हसीना को वापस लाने पर नहीं बनी सहमति, बांग्लादेश अब करने जा रहा ये काम; क्या भारत मान लेगा ढाका की बात?

Sheikh Hasina News:बांग्लादेश के विदेशी मामलों के सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन ने कहा कि सरकार इस दिशा में अपने सभी कूटनीतिक प्रयास जारी रखेगी.

By: Shubahm Srivastava | Published: December 11, 2025 3:06:32 AM IST



Bangladesh–India Row: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को भारत से वापस लाने के अपने इरादे को औपचारिक रूप से स्पष्ट कर दिया है. बुधवार को बांग्लादेश के विदेशी मामलों के सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन ने कहा कि सरकार इस दिशा में अपने सभी कूटनीतिक प्रयास जारी रखेगी, और भारत को मनाने की कोशिश की जाएगी कि वह हसीना को ढाका लौटने दे. हसीना पिछले वर्ष अगस्त में हुए जनविरोध प्रदर्शनों और राजनीतिक हिंसा के बाद भारत आई थीं और तब से वहीं रह रही हैं.

भारत लेगा शेख हसीना पर फैसला!

तौहीद हुसैन ने यह स्वीकार किया कि हसीना का भविष्य अब लगभग पूरी तरह नई दिल्ली के हाथों में है. उन्होंने कहा कि ढाका केवल अनुरोध कर सकता है, अंतिम निर्णय भारत ही करेगा. उनका बयान ठीक उस समय आया है जब भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने हाल ही में हसीना से जुड़े हालात पर टिप्पणी की थी.

जयशंकर ने कहा था कि हसीना भारत “विशेष परिस्थितियों” में आई थीं, जो यह तय करने में अहम कारक हैं कि आगे उनके साथ क्या होगा. उन्होंने यह भी कहा कि फैसला अंततः हसीना को स्वयं लेना होगा, संकेत देते हुए कि भारत परिस्थितियों को लेकर सतर्क रुख अपनाए हुए है. बांग्लादेश अब भारतीय रुख को प्रभावित करने के लिए राजनयिक चैनलों के जरिए और अधिक दबाव बनाने की तैयारी में है.

क्या किसी तीसरे देश में शरण लेंगी शेख हसीना?

हाल के दिनों में अंतरराष्ट्रीय मीडिया में यह चर्चा थी कि शेख हसीना भारत से किसी तीसरे देश में शरण लेने जा सकती हैं. लेकिन तौहीद हुसैन ने इसे पूरी तरह खारिज कर दिया. उन्होंने साफ कहा कि ऐसी कोई जानकारी कूटनीतिक चैनलों से नहीं मिली है; ये केवल मीडिया की अटकलें हैं. इससे स्पष्ट है कि बांग्लादेश की इंटरिम सरकार हसीना को भारत से सीधे ढाका लाने पर ही केंद्रित है.

हसीना पर गंभीर आरोप और सख्त सज़ाएँ

ढाका में हसीना के खिलाफ हाल के महीनों में कई बड़े और गंभीर फैसले सामने आए हैं, जिनसे उनकी वापसी और भी जटिल हो गई है. 17 नवंबर इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल ने उन्हें ‘मानवता के विरुद्ध अपराधों’ के आरोप में मौत की सजा सुनाई. यह फैसला पिछले वर्ष हुए बड़े पैमाने के जनविद्रोह और हिंसा से जुड़ा था. फिर 27 नवंबर एक अन्य अदालत ने सरकारी आवास परियोजना में कथित भ्रष्टाचार के मामले में 21 साल की सज़ा दी.1 दिसंबर को तीसरे मामले में उन्हें 5 साल की जेल की सज़ा मिली.

इन मामलों को लेकर हसीना ने बेहद तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने फैसलों को “गैर-चुनी हुई सरकार द्वारा संचालित एक फर्जी ट्रिब्यूनल” का परिणाम बताया और सभी आरोपों को नकार दिया है.

भारत की तरफ से दी गई प्रतिक्रिया

बांग्लादेश सरकार ने अदालतों के फैसले आने के बाद भारत को औपचारिक पत्र भेजकर प्रत्यर्पण का अनुरोध किया था. भारत ने इस पर बेहद संतुलित और संयमित प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह अनुरोध की जांच कर रहा है और बांग्लादेश के लोगों के सर्वोत्तम हित की दिशा में कार्य करने के लिए प्रतिबद्ध है.

भारत की स्थिति अभी स्पष्ट नहीं है, और नई दिल्ली चाहती है कि यह संवेदनशील विषय किसी क्षेत्रीय तनाव में न बदले. दूसरी ओर, ढाका की अंतरिम सरकार इसे अपने लिए राजनीतिक रूप से निर्णायक मुद्दा मान रही है, क्योंकि वह हसीना को न्यायिक प्रक्रिया के तहत वापस लाना चाहती है.

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