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जनसंख्या में चीन को मात देने वाला भारत इस मामले में पिछड़ा, तुर्किये को दे दी पटखनी

Asia Condom Market: कंडोम के खपत के मामले में पहले नंबर पर चीन, दूसरे नंबर पर भारत और तीसरे नंबर पर तुर्किये का नाम आता है. वहीं, प्रति व्यक्ति खपत के मामले में UAE सबसे आगे है.

Published by Sohail Rahman

India Condom Usage: कंडोम को लेकर हमारे समाज में आज भी लोग संकुचित मांईडसेट ही रखते हैं। खुलकर बात नहीं करते हैं। लोग आज भी सबके सामने कंडोम खरीदने से शर्माते हैं। आपने शायद अक्सर देखा होगा कि मेडिकल स्टोर में कंडोम के पैकेट आसानी से दिखें, ऐसी जगह पर रखे होते हैं. इसके पीछे की वजह बताई जाती है कि लोग अभी भी इस शब्द को कहने में हिचकिचाते हैं. समाज में इस पर खुलेआम बात नहीं होती. दुकानदार इस बात को समझते हैं, इसलिए वे पैकेट को आसानी से दिखें, ऐसी जगह रखते हैं ताकि लोग उन्हें आसानी से खरीद सकें.

अरबों डॉलर का है कंडोम का बाजार (condom market is worth billions of dollars)

कंडोम का बाजार वैश्विक बाजार अरबों डॉलर का है. एशिया में यह बाजार लगातार बढ़ रहा है. इंडेक्सबॉक्स एक मार्केट रिसर्च और डेटा एनालिटिक्स कंपनी है. यह उत्पादों और उद्योगों के लिए मार्केट विश्लेषण, रुझान, खपत, उत्पादन, आयात-निर्यात डेटा और भविष्य के पूर्वानुमान प्रकाशित करती है. हाल ही में, इंडेक्सबॉक्स ने एशियाई कंडोम बाजार पर एक रिपोर्ट तैयार की है, जिसमें 2035 तक खपत, उत्पादन, मूल्य और पूर्वानुमान का विश्लेषण किया गया है. नवीनतम इंडेक्सबॉक्स रिपोर्ट से पता चलता है कि 2035 तक एशियाई कंडोम बाजार 19 बिलियन यूनिट और 405 मिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है.

कंडोम का सबसे बड़ा उपभोक्ता कौन सा देश है? (Which country is the largest consumer of condoms?)

रिपोर्ट के अनुसार, एशिया में चीन सबसे बड़ा उपभोक्ता है, जो 5.8 बिलियन यूनिट्स की खपत करता है, जो कुल खपत का लगभग 42% है. इसके अलावा, भारत 2.4 बिलियन यूनिट की खपत करता है, जो दूसरे स्थान पर है, जबकि तुर्की 701 मिलियन यूनिट्स की खपत के साथ तीसरे स्थान पर है. जहां कुल खपत के मामले में चीन सबसे बड़ा उपभोक्ता है, वहीं प्रति व्यक्ति खपत के मामले में UAE सबसे आगे है. UAE में औसतन हर व्यक्ति सालाना 31 यूनिट बिजली की खपत करता है. तुर्की, वियतनाम और थाईलैंड भी इस मामले में आगे हैं.

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कीमतों में देखने को मिल रहा बड़ा अंतर (price difference is quite significant)

कीमतों में भी बड़ा अंतर देखने को मिलता है. औसतन इम्पोर्ट कीमत 31 डॉलर प्रति हजार यूनिट्स रही, लेकिन वियतनाम में यह 48 डॉलर और मलेशिया में सिर्फ 9.6 डॉलर रही.उत्पादन की बात करें तो 2022 में 32 अरब यूनिट्स बनने के बाद, 2024 में यह घटकर 26अरब यूनिट्स रह गया. वैल्यू के लिहाज से भी उत्पादन घटकर 522 मिलियन डॉलर रह गया. निर्यात के मामले में थाईलैंड, मलेशिया और चीन सबसे आगे हैं और मिलकर एशिया के 95% एक्सपोर्ट को नियंत्रित करते हैं.

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