मुग़लों की अय्याशी का अड्डा रहे हरम से जुडी कई कहानियां आज तलक चर्चाओं में हैं. कहते थे मुगलों के हरम में लड़कियां पालकी में लाई जाती थीं और अर्थी पर ही बाहर निकल पाती थीं. हरम में रहने वाली इन लड़कियों की सुख सुविधा का पूरा ध्यान तो रखा जाता लेकिन इनपर इतनी अधिक बंदिशें होती थीं कि ज़रा सी चूक इन्हें सीधा मौत के आगोश में ले जाती थी. आज के इस आर्टिकल में हम आपको एक ऐसी ही कनीज की कहानी बताएंगे जिसे नूरजहां ने इतनी भयानक मौत दी थी कि सुनकर आपका भी कलेजा मुंह को आ जाएगा.

एक गलती और कनीज को मिली मौत की सजा
एलिसन बैंक्स फिंडले ने अपनी किताब Nur Jahan Empress of Mughal India में लिखा है. एक बार की बात है हरम की एक कनीज ने एक किन्नर को चूम लिया था. अधेड़ उम्र की इस कनीज की इस हरकत की जानकारी जैसे ही नूरजहां को मिली तो उसने इस कनीज को एक बेहद सख्त सजा सुना दी. सजा थी कि इस कनीज को तीन दिनों तक एक गड्ढे में बांहों तक गाढ़ दिया जाए. इस दौरान इस कनीज को खाना और पानी भी नहीं दिया गया था. एलिसन किताब में लिखती हैं कि कनीज की दूसरे दिन ही मौत हो गई थी, मरने से पहले वो जोर-जोर से चीख रही थी -ओह मेरा सिर. एलिसन किताब में लिखती हैं कि यह कनीज एक समय जहांगीर की काफी करीब थी. चूंकि अब ये अधेड़ हो गई थी इसलिए इसे हरम के ही अन्य कामों में लगा दिया गया था.
किन्नरों के हाथों में होती थी हरम की सुरक्षा
इतिहासकार बताते हैं कि हरम की सुरक्षा की जिम्मेदारी किन्नरों के हाथ में ही होती थी. बादशाह के निजी अंगरक्षक भी हरम की चारदीवारी में पैर नहीं रख पाते थे. मुगलों के काल में किन्नरों का दखल दरबार के कई अहम् फैसलों में भी होता था.