Mughal Harem Dark Secrets: मुगल साम्राज्य की जब-जब बात छिड़ती है, तो उसके साथ ही कुछ रहस्यों के पन्ने भी खुल जाते हैं. इन्हीं रहस्यों के पन्नों में सबसे पहले आता है मुगलों का हरम. जी हां, हरम यानी शाही महल का वो हिस्सा जहां बादशाह की बेगमें, रखैलें, दासियां और शहजादियां रहा करती थीं. हरम की औरतों की जिंदगी आम लोगों से बिल्कुल अलग और गोपनीय होती थी. किसी को नहीं पता होता था कि कौन-सी औरत हरम में रह रही है और उसका नाम क्या है.
हरम का सीधा-सा नियम था कि औरतें बाहर के लोगों से न मिल सकती हैं और न ही उनसे संपर्क रख सकती हैं. लेकिन, क्या आप जानते हैं हरम की औरतों के नाम भी नकली हुआ करते थे. कई इतिहासकारों ने इस बात को माना है कि मुगलों के हरम में रहने वाली औरतों के एक से ज्यादा नाम हुआ करते थे.
मुगल हरम की औरतों के होते थे एक से ज्यादा नाम!
इतिहासकारों के मुताबिक, मुगल हरम की औरतों को उनकी असली पहचान खत्म करनी पड़ती थी. उन्हें न तो असली नाम से बुलाया जाता था और न ही उन्हें कोई असली नाम से पहचानता था. ऐसा कहा जाता है कि मुगल हरम की औरतों के एक नहीं, बल्कि दो-तीन नकली नाम रखे जाते थे.
क्यों एक से ज्यादा रखे जाते थे हरम की औरतों के नाम?

यह सवाल जायज है कि आखिर किस वजह से मुगल हरम की औरतों की पहचान छिपाई जाती थी. इस सवाल का जवाब इतिहासकारों ने यह माना है कि मुगल हरम में कई देशों और राज्यों की औरतें रहती थीं. ऐसे में उनकी असली पहचान किसी को पता न चल जाए ऐसे में उन्हें नकली नाम दिए जाते थे.
बादशाह की सुरक्षा भी थी वजह
यह भी कहा जाता है कि हरम की औरतों के साथ बादशाह और शहजादे संबंध बनाते थे. ऐसे में हरम की औरतों के साथ मिलकर कोई साजिश न रच ले और बादशाह या शहजादों को नुकसान न पहुंचा दे, ऐसे में मुगल हरम की औरतों की पहचान छिपाई जाती थी और अलग-अलग नामों से बुलाया जाता था.
बता दें, मुगल हरम सिर्फ भोग और विलासिता का केंद्र नहीं होता था. बल्कि यहां से राजनीति, सत्ता, साजिश और शक्ति का खेल भी खेला जाता था. इतना ही नहीं, इतिहासकार यह भी मानते हैं कि जिन्हें आज हम मलिका या बेगम के नाम से जानते हैं वह शायद ही उनके असली नाम हों.