7 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश में आखिर क्यों है सार्वजनिक अवकाश ?

उत्तर प्रदेश सरकार (UP Government) ने 7 अक्टूबर 2025 को प्रदेशभर में सार्वजनिक अवकाश (Public Holiday) घोषित करने का बड़ा फैसला लिया है. यह अवकाश महर्षि वाल्मीकि जयंती (Maharishi Valmiki Jayanti) के उपलक्ष्य में घोषित किया गया है, जो राज्य स्तर पर विशेष महत्व रखता है.

Published by DARSHNA DEEP

October 7 declared a public holiday in Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए 7 अक्टूबर को पूरे प्रदेशभर में सार्वजनिक अवकाश घोषित करने का फैसला लिया है. इसस पहले शासन ने इस संबंध में हाल ही में औपचारिक आदेश जारी कर सभी को इसके बारे में सूचित किया था. 
इस अवकाश की घोषणा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लगभग एक सप्ताह पहले श्रावस्ती जिले से की थी. 

महर्षि वाल्मीकि जयंती के उपलक्ष्य में छुट्टी:

यह सार्वजनिक अवकाश महर्षि वाल्मीकि जयंती के अवसर पर घोषित किया गया है. भारतीय वाल्मीकि धर्म समाज काफी समय से इस दिन सार्वजनिक अवकाश की मांग पर अड़ा हुआ था. इस मामले को लेकर वाल्मीकि समाज के पदाधिकारियों ने सरकार को एक ज्ञापन भी सौंपा था. वाल्मीकि समाज के मुताबिक, पहले इस दिन सरकारी अवकाश हुआ करता था, जिसे बाद में रद्द कर दिया गया था. लेकिन अब, साल 2025 से यह परंपरा एक बार फिर से शुरू की जा रही है. सीएम की इस घोषणा के बाद से समाज की पुरानी मांग आखिरकार पूरी हो गई है. तो वहीं, सरकार के इस फैसले से सरकारी कर्मचारियों, शिक्षण संस्थानों और निजी क्षेत्र के कई लोगों को लाभ मिलेगा. 

सार्वजनिक अवकाश की घोषणा:

कई राज्य, जैसे उत्तर प्रदेश (जहां 7 अक्टूबर 2025 को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया है) तो वहीं, पंजाब, हरियाणा, और मध्य प्रदेश, इस दिन को स्कूलों, कॉलेजों और सरकारी कार्यालयों के लिए छुट्टी घोषित करते हैं. यह घोषणा महर्षि वाल्मीकि के सम्मान को मान्यता देने के लिए की जाती है.

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सांस्कृतिक कार्यक्रम:

उत्तर प्रदेश की पहल के मुताबिक, सभी जिलों में महर्षि वाल्मीकि से संबंधित स्थलों, मंदिरों और प्रभु श्री राम/हनुमान मंदिरों में श्रीराम चरित मानस पाठ, रामायण पाठ, भजन-कीर्तन, दीप प्रज्ज्वलन और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. इसके अलावा स्थानीय कलाकारों को आध्यात्मिक मंच प्रदान किया जाता है ताकि वे अपनी कला का शानदार तरीके से प्रदर्शन कर सकें.

ड्राई-डे (शराबबंदी):

तो वहीं, दिल्ली जैसे कुछ शहरों में, महर्षि वाल्मीकि जयंती के अवसर पर शराब की दुकानें बंद रखी जाती हैं, यानी इसे ड्राई-डे घोषित किया जाता है.

सामाजिक पहल:

कुछ जगहों पर जयंती के अवसर पर पौधारोपण (वृक्षारोपण) और रक्तदान शिविर जैसे सामाजिक कार्य भी आयोजित किए जाते हैं. मुख्य रूप से महर्षि वाल्मीकि के साहित्यिक और सामाजिक योगदान को श्रद्धांजलि देने के साथ-साथ उनकी शिक्षाओं का प्रभाव और साथ ही समाज में एकता को बढ़ावा देने पर पूरी तरह से केंद्रित है.

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