नोएडा एयरपोर्ट कनेक्टिविटी पर संकट: फरीदाबाद ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का काम अधूरा

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Noida International Airport) (Jewar) का उद्घाटन 30 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) द्वारा किया जाना है, लेकिन एयरपोर्ट से फरीदाबाद को जोड़ने वाले ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे (Green Field Expressway) का काम अभी अधूरा है. इस परियोजना में देरी की मुख्य वजह बजट की कमी है, जिससे क्षेत्र की कनेक्टिविटी (Connectivity) पर सवाल खड़े हो रहे हैं.

Published by DARSHNA DEEP

Noida airport connectivity in trouble: उत्तर प्रदेश का नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (जेवर) जल्द ही अपनी उड़ानें शुरू करने जा रहा है, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 30 अक्टूबर को संभावित है. लेकिन, एयरपोर्ट से औद्योगिक नगरी फरीदाबाद को जोड़ने वाला ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे (Green Field Expressway) का कार्य फिलहाल पूरा नहीं हुआ है.  जिससे क्षेत्र की कनेक्टिविटी पर कई सवाल खड़े किए जा रहे हैं. इस परियोजना में देरी की मुख्य वजह बजट की कमी बताई जा रही है. 

निर्माण में धीमी रफ्तार और बजट की समस्या:

32 किलोमीटर लंबे इस ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे (Green Field Expressway)  का निर्माण 1660.50 करोड़ रुपये की लागत से होना है.  इसका 23 किलोमीटर हिस्सा हरियाणा में और 9 किलोमीटर उत्तर प्रदेश की सीमा में है. हालांकि, इस कार्य को जून 2025 तक पूरा किया जाना था. राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के परियोजना निदेशक धीरज सिंह ने इस मामले में जानकारी देते हुए बताया कि एक्सप्रेसवे के निर्माण में सबसे बड़ी बाधा केंद्र सरकार से पूरा बजट न मिलना है. साथ ही उन्होंने कहा कि निर्माण कंपनी को अभी तक केवल 692 करोड़ रुपये ही मिले हैं, जिसकी वजह से काम धीमी गति से चल रहा है. 

सोतई गांव में भूमि विवाद का क्या है मामला:

एक्सप्रेसवे के निर्माण में दूसरी बड़ी बाधा सोतई गांव में किसानों की जाट पट्टी शामलात भूमि को लेकर जारी है. तो वहीं दसूरी तरफ किसान मुआवजे पर अपना हक जता रहे हैं, जबकि नगर निगम भी इसे अपनी भूमि बताने में जुटा हुआ है. 

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यह मामला फिलहाल कोर्ट में विचाराधीन है:

NHAI के मुताबिक, कोर्ट जिसे भी भूमि का मालिक घोषित करेगा, उसे मुआवजा देकर ज़मीन का कब्ज़ा लिया जाएगा, जिसके बाद यहां एलिवेटेड निर्माण कार्य  की शुरूआत हो जाएगी. 

कई गांवों में मिट्टी डालने का काम है अधूरा:

बजट की कमी और अन्य कारणों से फफूंदा, पन्हैड़ा खुर्द, गढ़खेडा और नरहावली जैसे कई गांवों में खेतों में मिट्टी डालने का काम अब भी अधूरा पड़ा है, जिसे पूरा करने में चार से पांच महीने तक का समय लग सकता है. इसके अलावा, मोहना में इंटरचेंज बनाने का काम भी लगभग एक साल में पूरा कर लिया जाएगा. 

परियोजना निदेशक धीरज सिंह ने उम्मीद जताई है कि कोर्ट के इस फैसले के बाद भूमि का अधिग्रहण जल्द ही हो जाएगा और साथ ही बजट भी मंजूर होकर आ जाएगा, जिससे फरीदाबाद, पलवल और नूंह के लोगों को बेहतर कनेक्टिविटी मिल सकेगी. 

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