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AI Scandal: जिस ऐप ने कॉल रिकॉर्डिंग पर दिए थे पैसे, वही बना यूजर्स की प्राइवेसी का सबसे बड़ा दुश्मन

यह ऐप कुछ ही दिनों में 80,000 से ज्यादा बार डाउनलोड हुआ और Apple App Store पर Meta के Threads से भी ऊपर पहुंच गया था. लेकिन अब इसे डेटा लीक की वजह से ऑफलाइन कर दिया गया है.

By: Renu chouhan | Published: September 28, 2025 11:52:47 AM IST



AI डेटा ट्रेनिंग के नाम पर कॉल रिकॉर्ड कर पैसे देने वाला मोबाइल ऐप Neon बड़े विवाद में फंस गया है. यह ऐप कुछ ही दिनों में 80,000 से ज्यादा बार डाउनलोड हुआ और Apple App Store पर Meta के Threads से भी ऊपर पहुंच गया था. लेकिन अब इसे डेटा लीक की वजह से ऑफलाइन कर दिया गया है.

कैसे हुआ डेटा लीक?

रिपोर्ट्स के मुताबिक, TechCrunch ने खुलासा किया कि ऐप के सर्वर से यूजर्स की पर्सनल डिटेल्स, कॉल ट्रांसक्रिप्ट्स और ऑडियो रिकॉर्डिंग्स तक एक्सेस किया जा सकता था. कुछ मामलों में, सिस्टम द्वारा बने लिंक पब्लिक रूप से उपलब्ध हो गए, जिससे गंभीर प्राइवेसी खतरा पैदा हो गया.

कंपनी का जवाब

Neon के CEO Alex Kiam, जो Stanford MBA ग्रेजुएट हैं, ने कहा कि ऐप कम से कम 1-2 हफ्ते तक ऑफलाइन रहेगा और पूरी सिक्योरिटी ऑडिट होगी. उन्होंने वादा किया कि ऐप में अब रो-लेवल प्रोटेक्शन और अन्य सुरक्षा फीचर्स जोड़े जाएंगे. Kiam ने माना कि ऐप की तेजी से ग्रोथ उनकी चार सदस्यीय टीम के लिए “उम्मीद से ज्यादा” थी.

ऐप कैसे काम करता था?

Neon इस महीने लॉन्च हुआ था. इसमें यूजर्स इन-ऐप डायलर से कॉल कर सकते थे. अगर दोनों यूजर Neon इस्तेमाल करते, तो प्रति मिनट 30 सेंट मिलते और अगर एक ही यूजर ऐप पर होता, तो 15 सेंट मिलते. यूजर्स एक दिन में करीब $30 तक कमा सकते थे और पेमेंट तीन बिजनेस दिनों में हो जाता था. कंपनी का दावा था कि डेटा एनॉनिमस किया जाता है, लेकिन अभी तक किसी AI कंपनी से फाइनल डील नहीं हुई थी.

बड़ा सवाल डेटा बनाम प्राइवेसी

इस विवाद ने एक बड़ी बहस छेड़ दी है कि AI ट्रेनिंग के लिए कंपनियां कितनी दूर तक जा सकती हैं. अमेरिका में कॉल रिकॉर्डिंग से जुड़े अलग-अलग कानून हैंकुछ राज्यों में दोनों की सहमति जरूरी है, तो कुछ में एक की ही. Neon ने दावा किया कि वह नियमों का पालन कर रहा था, लेकिन डेटा लीक ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि मुनाफे और यूजर प्राइवेसी में बैलेंस कैसे बनाया जाए.

सबक क्या है?

Neon का केस दिखाता है कि AI डेटा की मांग बढ़ने के साथ प्राइवेसी और सिक्योरिटी को नजरअंदाज करना कितना खतरनाक हो सकता है. बड़ी कंपनियों के लिए भी यह चेतावनी है कि पर्सनल बातचीत को ट्रेनिंग डेटा बनाना आसान है, लेकिन सुरक्षित रखना सबसे बड़ी चुनौती है.

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