टेक्नोलॉजी की दुनिया में एक नया अध्याय शुरू हो गया है. Nvidia के CEO Jensen Huang ने खुद जाकर कंपनी का नया इनोवेशन DGX Spark Elon Musk को SpaceX के Starbase (Texas) में सौंपा. यह छोटा-सा डिवाइस आकार में तो केवल एक किताब जितना है, लेकिन इसकी शक्ति किसी बड़े सुपरकंप्यूटर से कम नहीं है. DGX Spark को अब तक का दुनिया का सबसे छोटा AI सुपरकंप्यूटर कहा जा रहा है, जो 200 बिलियन पैरामीटर्स तक के AI मॉडल्स को लोकल मशीन पर ही चलाने की क्षमता रखता है. यह एक ऐसा पल था जब टेक्नोलॉजी और स्पेस दोनों के दो बड़े नाम एक ही जगह मिले.
जब सुपरकंप्यूटर मिला सुपर रॉकेट से
Jensen Huang जब SpaceX के Starbase पहुंचे, तो उनके आसपास रॉकेट्स और इंजीनियरों की एक पूरी टीम मौजूद थी. उन्होंने DGX Spark को खुद Elon Musk को हाथों से सौंपा. यह मुलाकात उस वक्त हुई जब SpaceX अपने 11वें Starship टेस्ट फ्लाइट की तैयारी कर रहा था. Huang ने इस मौके पर याद किया कि सालों पहले उन्होंने पहला DGX सुपरकंप्यूटर OpenAI को डिलीवर किया था. उन्होंने हँसते हुए कहा – “सोचिए, जब दुनिया का सबसे छोटा सुपरकंप्यूटर दुनिया के सबसे बड़े रॉकेट के पास पहुंचे तो कैसा लगता है.” इस ऐतिहासिक मौके पर Huang और Musk ने साथ में पिज्ज़ा खाया और टेक्नोलॉजी पर बातें कीं, जो सोशल मीडिया पर भी काफी वायरल हुईं.
DGX Spark क्या है?
DGX Spark एक ऐसा डिवाइस है जो देखने में बेहद छोटा है, लेकिन काम में बेहद शक्तिशाली. इसका वजन सिर्फ 1.2 किलो है, यानी यह लगभग एक हार्डकवर किताब जितना है. मगर इसकी क्षमता चौंकाने वाली है — यह 1 पेटाफ्लॉप (1,000 ट्रिलियन कैलकुलेशन प्रति सेकंड) की परफॉर्मेंस देने में सक्षम है. इस सुपरकंप्यूटर में Nvidia का GB10 Grace Blackwell Superchip लगा है, जिसमें 128GB यूनिफाइड मेमोरी, NVLink-C2C कनेक्टिविटी और हाई-स्पीड NVMe स्टोरेज दी गई है. इसे खास तौर पर उन डेवलपर्स, वैज्ञानिकों और क्रिएटर्स के लिए बनाया गया है जो बड़े डेटा और AI प्रोजेक्ट्स पर काम करना चाहते हैं लेकिन अपने डेस्क से ही सुपरकंप्यूटर जैसी परफॉर्मेंस चाहते हैं.
पहले से लोडेड AI टूल्स और सॉफ्टवेयर
DGX Spark केवल एक हार्डवेयर नहीं है, बल्कि एक पूरा AI सॉल्यूशन सिस्टम है. इसमें पहले से ही Nvidia के प्रमुख AI सॉफ्टवेयर टूल्स इंस्टॉल हैं, जैसे Cosmos, Qwen3, और NIM Microservices. इन टूल्स की मदद से कोई भी यूज़र तुरंत AI चैटबॉट, इमेज जनरेटर, या टेक्स्ट समरी सिस्टम बना सकता है. इसमें किसी अतिरिक्त सर्वर या जटिल सेटअप की जरूरत नहीं होती. Nvidia का लक्ष्य है कि DGX Spark की मदद से डेवलपर्स और क्रिएटर्स को अब क्लाउड पर निर्भर नहीं रहना पड़े, बल्कि वे अपनी लोकल मशीन पर ही शक्तिशाली AI मॉडल्स चला सकें.
AI के नए युग की शुरुआत
Nvidia का मानना है कि DGX Spark केवल एक मशीन नहीं, बल्कि एक मिशन है. यह AI को क्लाउड से निकालकर लोकल, पर्सनल और क्रिएटिव इंटेलिजेंस के दौर में ले जा रहा है. Jensen Huang ने कहा, “DGX Spark हर किसी की पहुंच में एक पेटाफ्लॉप की AI शक्ति ला देता है.” यानी अब कोई भी व्यक्ति, चाहे वह वैज्ञानिक हो, विद्यार्थी या क्रिएटर, अपने लैपटॉप के बराबर आकार की मशीन पर हाई-लेवल AI एप्लिकेशन चला सकता है. Nvidia का यह कदम AI के भविष्य को लोकतांत्रिक (democratize) करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है.

