Gandhi Jayanti Special: गांधी जयंती के मौके पर पूरी दुनिया राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को याद करती है. बापू ने भारत को अंग्रेजों की गुलामी से आजादी दिलाने के लिए अनेक आंदोलन किए. वे देश के कोने-कोने में यात्रा करते थे. उनकी सादगी को हर कोई जानता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि बापू ने कई लग्जरी कारों की भी सवारी की थी? इनमें से ज्यादातर कारें उनके करीबी दोस्तों और समर्थकों की थीं. आइए जानते हैं कि आजादी से पहले महात्मा गांधी किन खास गाड़ियों से सफर करते थे.
फोर्ड मॉडल ए कन्वर्टिबल कार
इस लिस्ट में पहला नाम फोर्ड मॉडल ए कन्वर्टिबल कार का आता है. 1940 में हुए रामगढ़ अधिवेशन के दौरान गांधी जी ने इस कार से यात्रा की थी. यह कार रांची के राय साहब लक्ष्मी नारायण की थी. उन्होंने इसे 1927 में खासतौर पर अपने लिए मंगवाया था. यह कार उस समय की बेहद स्टाइलिश और लग्जरी मानी जाती थी.
पैकार्ड 120- बिड़ला परिवार की कार
गांधी जी का सबसे ज्यादा सफर पैकार्ड 120 कार से हुआ करता था. इस कार के मालिक उद्योगपति और गांधी जी के करीबी मित्र घनश्यामदास बिड़ला थे. 1940 में खरीदी गई यह कार बापू के कई ऐतिहासिक दौरों की साक्षी बनी. पैकार्ड कंपनी की यह कार उस समय के धनी लोगों की शान मानी जाती थी.
फोर्ड मॉडल टी- रिहाई के समय चली थी ये कार
तीसरी गाड़ी फोर्ड मॉडल टी थी. गांधी जी ने इसकी सवारी 1927 में रायबरेली की सेंट्रल जेल से रिहाई के समय की थी. इस कार को कई बार विंटेज कार रैलियों में भी प्रदर्शित किया गया है. हालांकि इसके पहले मालिक के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं मिल पाई है. यह कार कई बार नीलामी में भी बेची जा चुकी है.
स्टूडबेकर प्रेसिडेंट- कर्नाटक दौरे की साथी
गांधी जी के कर्नाटक दौरे के समय इस्तेमाल की गई कार थी स्टूडबेकर प्रेसिडेंट. यह कार 1926 से 1933 के बीच बनी थी और 90 के दशक तक इसे क्लासिक कार के रूप में देखा जाता रहा. उस दौर में यह कार काफी पॉपुलर और लग्जरी मानी जाती थी.
गांधी जी और कारों का रिश्ता
गांधी जी ने भले ही सादा जीवन जीने का संदेश दिया, लेकिन उनके जीवन में कारों का भी अहम योगदान रहा. इन कारों ने उन्हें देशभर में आंदोलन करने और लोगों से जुड़ने में मदद की. इनमें से कई कारें आज भी विंटेज कलेक्शन में मौजूद हैं और गांधी जी की यादों को संजोए हुए हैं.

