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पिता की मर्जी के खिलाफ किसी और से ‘प्यार’ कर बैठे Tilak Varma, जानिये फिर क्या हुआ

Tilak Varma: तिलक वर्मा के पिता नंबूदरी नागराजू ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि "मैं चाहता था कि मेरे दोनों बेटे, तरुण और तिलक, डॉक्टर बनें और लोगों की सेवा करें. लेकिन तरुण ने बैडमिंटन खेलना शुरू कर दिया और तिलक को क्रिकेट से प्यार हो गया.

By: Heena Khan | Published: October 2, 2025 11:00:28 AM IST



Tilak Varma Love: एशिया कप 2025 की ट्रॉफी जीतने के बाद भारत की हर तरफ चर्चा है लेकिन उससे कई ज्यादा चर्चा तिलक वर्मा की हो रही है. देश भर के भारतीय क्रिकेट प्रशंसक एशिया कप फ़ाइनल में पाकिस्तान के ख़िलाफ़ भारत की जीत का जश्न मना रहे हैं. भारत की जीत में अहम भूमिका निभाने वाले तिलक वर्मा के प्रदेर्शन की हर कोई तारीफ कर रहा था. वहीं जब तिलक दुबई में पाकिस्तान के ख़िलाफ़ बल्लेबाज़ी करने उतरे, तब तक तीन भारतीय खिलाड़ी 20 रन पर आउट हो चुके थे. अभिषेक शर्मा, कप्तान सूर्यकुमार यादव और एशिया कप में धमाकेदार पारी खेलने वाले सलामी बल्लेबाज़ शुभमन गिल पहले ही पवेलियन लौट चुके थे. फिर तिलक वर्मा ने मैदान में उतरकर मैच पलट दिया. इस दौरान उन्होंने न सिर्फ़ पाकिस्तानी गेंदबाज़ों के सामने लड़खड़ा रही भारतीय पारी को संभाला, बल्की पाकिस्तानी खिलाड़ियों के मैदान में ही होश उड़ा दिए, वहीं इन्होने 69 रन बनाकर भारत को नौवीं बार ख़िताब जिताया.

तिलक के बचपन का सफर 

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि तिलक वर्मा तेलंगाना के मेडचल से है. इतना ही नहीं वो एक साधारण मध्यम वर्गीय परिवार से आते हैं. खास बात ये है कि छोटी उम्र में ही तिलक बीएसईएल के कर्मचारियों के लिए निर्धारित क्षेत्र में बस गए. वहीं आपकी जानकारी के लिए बता दें कि उनके पिता एक इलेक्ट्रीशियन हैं और उनकी माँ गायत्री देवी एक गृहिणी हैं. उनके बड़े भाई, तरुण वर्मा, एक बैडमिंटन खिलाड़ी हैं. तिलक वर्मा ने पढ़ाई के साथ-साथ 11 साल की उम्र में क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था. उनका जज़्बा और जूनून उनके खेल में साफ झलकता है.

पिता तिलक को बनाना चाहते थे डॉक्टर 

तिलक वर्मा के पिता नंबूदरी नागराजू ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि “मैं चाहता था कि मेरे दोनों बेटे, तरुण और तिलक, डॉक्टर बनें और लोगों की सेवा करें. लेकिन तरुण ने बैडमिंटन खेलना शुरू कर दिया और तिलक को क्रिकेट से प्यार हो गया. इसके अलावा उन्होंने कहा कि तिलक ने मुझसे कहा था कि अगर मैं डॉक्टर बन गया, तो सिर्फ़ मेरे करीबी लोग ही मुझे जानेंगे, लेकिन अगर मैं क्रिकेट में बेहतरीन प्रदर्शन करूंगा, तो पूरी दुनिया मुझे पहचानेगी.तिलक के पिता ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि आर्थिक तंगी के बावजूद, उन्होंने कड़ी मेहनत की और बचत करना शुरू कर दिया ताकि मुश्किल समय में बचत काम आ सके.

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