कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने BCCI (भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड) के चयनकर्ताओं पर सवाल उठाते हुए कहा है कि घरेलू क्रिकेट में लगातार अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों की अनदेखी की जा रही है. उन्होंने एक पोस्ट में सरफराज खान का उदाहरण देते हुए कहा कि उनके प्रभावशाली आंकड़ों के बावजूद, चयनकर्ताओं द्वारा उन्हें जगह न देना एक तरह की नाइंसाफी है.
शशि थरूर की आलोचना
थरूर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पहले ट्विटर) पर लिखा कि यह वाकई हैरान करने वाला है. सरफराज खान का फर्स्ट क्लास औसत 65 से अधिक है. उन्होंने टेस्ट डेब्यू पर अर्धशतक बनाया, एक टेस्ट में 150 रन बनाए जो हम हार गए, इंग्लैंड दौरे के एकमात्र अभ्यास मैच में 92 और भारतीय टेस्ट टीम के खिलाफ अभ्यास मैच में शतक बनाया, फिर भी वह चयनकर्ताओं की योजना से बाहर हैं.
यहां देखें पोस्ट
This is frankly an outrage. @SarfarazA_54 averages 65-plus in first class cricket, scored a 50 on Test debut and a 150 in a Test we lost, made 92 in his only tour match in England (and a century in the practice match against the full Indian Test team) — and still finds himself… https://t.co/gtq1ni03DQ
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) October 29, 2025
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थरूर ने आगे कहा कि उन्हें अजिंक्य रहाणे, पृथ्वी शॉ और करुण नायर जैसे खिलाड़ियों को रणजी ट्रॉफी में रन बनाते देखकर खुशी हुई. BCCI चयनकर्ताओं पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि हमारे चयनकर्ता सिद्ध खिलाड़ियों को नज़रअंदाज़ करने और क्षमता पर ध्यान केंद्रित करने में बहुत तेज़ हैं. जिन्होंने बार-बार खुद को साबित किया है, वे सम्मान के पात्र हैं. घरेलू क्रिकेट में बनाए गए रनों को महत्व दिया जाना चाहिए, वरना रणजी ट्रॉफी खेलने का क्या मतलब रह जाएगा?
थरूर का यह बयान ऐसे समय में आया है जब सोशल मीडिया पर भारतीय टीम की चयन प्रक्रिया को लेकर बहस छिड़ी हुई है. मोहम्मद शमी ने हाल ही में मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर पर निशाना साधा था. गौतम गंभीर पर भी हाल ही में कई प्रमुख हस्तियों ने निशाना साधा था क्योंकि उन्होंने हर्षित राणा को सभी फॉर्मैट्स में मौका दिया जबकि दूसरे काबिल खिलाड़ियों को नज़रअंदाज़ कर दिया गया.
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