Cricket News in Hindi: IPL के ऐसे माहौल में जहां खिलाड़ी की गति में हमेशा उतार-चढ़ाव रहता है और खिलाड़ी का प्रदर्शन एक निश्चित गति से बदलता रहता है, एमएस धोनी का नेतृत्व हमेशा से ही सरल रहा है. उनके मूल सिद्धांत हैं बुनियादी बातों पर टिके रहना, प्रक्रिया पर काम करना और अपनी पूरी क्षमता से वो करने की कोशिश करना जिस पर आप काबू पा सकते हैं. इसी वजह से वह खेल में बने रहे और खुद को इस खेल के बेहतरीन लीडर के रूप में स्थापित किया.
उनके तरीकों को चेन्नई सुपर किंग्स में उनके करियर के दौरान देखा जा सकता है, और उनके नेतृत्व में युवाओं द्वारा सीखे गए सबक, जो बाद में कहीं और फल-फूल सकते थे. यह तरीका उनके चयन, मैदान की योजनाओं और सबसे महत्वपूर्ण रूप से उन सुरक्षा नियमों में दिखाई देता है जो खिलाड़ी के काम को स्पष्ट, अधिक प्रभावशाली और साहसी बनाते हैं.
मिसाल के तौर पर साई किशोर
आर साई किशोर एक साफ़ उदहारण हैं. उनका आईपीएल करियर आईपीएल 2020 में चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) के साथ शुरू हुआ, जब फ्रैंचाइज़ी ने उन्हें उनके बेस प्राइस ₹20 लाख में खरीदा था. उन्होंने उनके लिए एक भी मैच नहीं खेला, हालांकि वह पूरे दो सीज़न तक टीम का हिस्सा रहे. 2022 में बाएं हाथ के स्पिनर गुजरात टाइटन्स में चले गए, जब फ्रैंचाइज़ी ने उनकी सेवाओं के लिए ₹3 करोड़ का इन्वेस्टमेंट किया. लेकिन किशोर अब बताते हैं कि CSK का हिस्सा रहते हुए उन्होंने खुद एमएस धोनी से क्या अनमोल सबक सीखे.
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प्रोवोक टीवी पर हाल ही में एक इंटरव्यू में साई किशोर ने कहा कि मैंने एमएस धोनी से इस बारे में बहुत कुछ सीखा है. वह कभी अपना फोन नहीं उठाते थे. वह अपना फोन होटल के कमरे में छोड़कर मैच देखने आते थे. वह बहुत अलग-थलग रहते थे. इससे मुझे प्रेरणा मिली क्योंकि मैं खुद से पूछता था कि क्या सोशल मीडिया से जुड़े रहना ज़रूरी है. इसलिए उन्हें देखकर मुझे प्रेरणा मिली.
इससे पता चलता है कि एमएस धोनी कैसे काम करते हैं और ऐसे दौर में खुद को शोर-शराबे से दूर कैसे रखते हैं जहां सोशल मीडिया ज़िंदगी की दिशा तय करता है.
साई किशोर का IPL में किरदार
उन्होंने CSK के लिए एक भी मैच नहीं खेला, लेकिन गुजरात टाइटन्स में आने के बाद से साई किशोर ने खुद को देश के सर्वश्रेष्ठ टी20 स्पिनरों में से एक के रूप में स्थापित कर लिया है. उन्होंने टूर्नामेंट में 25 मैच खेले हैं और उनमें 32 विकेट लिए हैं.
एक स्पिनर के रूप में साई किशोर की सबसे खास बात उनकी बहुमुखी प्रतिभा रही है. उन्होंने पावर प्ले और बीच के ओवरों में भी खुद को उपयोगी साबित किया है. उनका ज़्यादातर IPL करियर उस दौर में बीता है जब ‘इम्पैक्ट प्लेयर रूल’ प्रभावी रहा है, जिससे बल्लेबाज़ों को ज़्यादा आक्रामकता दिखाने का मौका मिलता है. फिर भी, अपनी टीम के लिए महत्त्वपूर्ण ओवरों में गेंदबाजी करते हुए किशोर ने लगभग 8.85 की इकॉनमी रेट से गेंदबाजी की है और नियमित रूप से विकेट भी चटकाए हैं.
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