भारत को वनडे में असल में विकेटकीपर की समस्या नहीं है उन्हें रोल-डेफिनिशन की समस्या है अगर कीपर-बल्लेबाज को ओपनर के बदले चुना जाता है, तो आप नामों को बदलते रहेंगे. अगर उसे किसी स्लॉट को भरने के लिए चुना जाता है तो चुनाव आसान हो जाता है.
तो, आइए इसे ठीक से समझते हैं भारत की वनडे टीम के लिए, यह बहस इस बारे में है कि मिडिल-ऑर्डर विकेटकीपर की भूमिका को सबसे अच्छा कौन निभा सकता है साथ ही लेफ्ट-राइट बैलेंस या मैचअप फ्लेक्सिबिलिटी भी देता है. इस समय कुछ नाम हैं जो खूब चर्चाओं में हैं न्यूजीलैंड के खिलाफ भारतीय टीम का ऐलान होना है ऐसे में लोगों के बीच एक बहस छिड़ी है कि आखिर विकेटकीपर बल्लेबाज के तौर पर किसे मौका मिलेगा और किसे मौका मिलना चाहिए आइये ऐसे कुछ नामों पर बात करते हैं कि अगर इन्हें वनडे टीम में जगह मिलती है तो क्यों मिलेगी अगर नहीं मिलेगी तो क्यों नहीं मिलेगी।
ध्रुव जुरेल
ध्रुव जुरेल का VHT फॉर्म शानदार है. उत्तर प्रदेश के पहले तीन मैच असल में जुरेल की मास्टरक्लास रहे हैं. उन्होंने तीन पारियों में 307 रन बनाए हैं और टूर्नामेंट के शुरुआती स्टैंडआउट खिलाड़ियों में से एक हैं. वह तेजी से रन बना सकते हैं लेकिन वनडे का सवाल थोड़ा अलग है. जुरेल के पास अभी भी लिस्ट A मैचों का अनुभव कम है और उन्होंने अभी तक अपनी कोई रोल पहचान नहीं बनाई है।
टीम में शामिल करने के लिए जुरेल एक समझदारी भरा फैसला हो सकते हैं, खासकर A टूर या ट्रैवल रिजर्व के तौर पर. अभी वनडे के लिए इन तीनों में से साफ तौर पर पहली पसंद के तौर पर उनका प्रोफाइल एक कदम पीछे है.
ऋषभ पंत
ऋषभ पंत का वनडे रिकॉर्ड अच्छा है लेकिन बहुत शानदार नहीं। 31 मैचों में उन्होंने 33.50 की औसत से 871 रन बनाए हैं. बड़ी समस्या यह है कि हाल ही में उनका वनडे रिदम नहीं बना है, और उनके मौजूदा घरेलू प्रदर्शन से ऐसा नहीं लगता कि उन्हें टीम में चुना जाए और उनके इर्द-गिर्द प्लेइंग इलेवन बनाई जाए।
VHT में पंत ने गुजरात के खिलाफ 70 रन बनायें जबकि बाकी दो परियों में उनका बल्ला शांत रहा है. यह उनकी कोई आलोचना नहीं है बस यह हाल का इतना मजबूत सैंपल नहीं है कि वह सीधे उस खिलाड़ी से आगे निकल जाएं जो आज ज्यादा बेहतर प्रदर्शन कर रहा है.
पंत निश्चित रूप से केएल राहुल के बाद भारत के सबसे ज्यादा क्षमता वाले कीपर-बल्लेबाज हैं, लेकिन यह खास सिलेक्शन इस बारे में है कि अभी वनडे स्लॉट का हकदार कौन है न कि किसके पास थ्योरी में सबसे ज्यादा टैलेंट है.
ईशान किशन: अभी सबसे सही फिट
ईशान किशन का वनडे रिकॉर्ड पहले से ही शानदार है: 27 वनडे, 933 रन, औसत 42.40, और उनके CV में एक वनडे दोहरा शतक भी है. इससे भी ज़रूरी बात यह है कि वह टीम में कुछ ऐसा लाते हैं जिसकी भारत के मिडिल ऑर्डर में अक्सर कमी रहती है. एक बाएं हाथ का विकेटकीपर-बल्लेबाज जो बिना 40 गेंदें खेले ही मैच का रुख बदल सकते हैं.
उनकी हालिया फॉर्म की बात करें तो उन्होंने इसे ज़बरदस्त तरीके से खुद को साबित किया है. इस VHT में, किशन ने कर्नाटक के खिलाफ 39 गेंदों में 125 रन बनाए, और सबसे अहम बात यह है कि उन्होंने यह नंबर छह पर बल्लेबाजी करते हुए किया, जो ठीक वैसी ही फ्लेक्सिबिलिटी है जो भारत वनडे में स्क्वाड कीपर से चाहता है.
सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी की बात करें तो ईशान किशन टूर्नामेंट में सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी थे उन्होंने सिर्फ एक मैच में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया बल्कि लगातार अच्छी बैटिंग की.
रोल क्लैरिटी, बाएं हाथ के बल्लेबाज की वैरायटी, मौजूदा फॉर्म और अडैप्टेबिलिटी के नज़रिए से देखें तो ईशान किशन अभी इंडिया टीम की प्लेइंग 11 में सबसे फिट बैठते हैं.
जुरेल घरेलू क्रिकेट में शानदार फॉर्म वाले बल्लेबाज हैं और उन्हें एक उभरते हुए वनडे ऑप्शन के तौर पर टीम के करीब रखना चाहिए। पंत एक प्रीमियम टैलेंट हैं लेकिन उन्हें इस खास जगह पर फिर से मौका देने से पहले हाल ही में बेहतर प्रदर्शन करने की ज़रूरत है. वहीं, किशन पहले से ही एक मॉडर्न वनडे स्क्वाड प्लेयर की तरह परफॉर्म कर रहे हैं.