Ind vs Pak: भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच हमेशा ड्रामे और जोश से भरे होते हैं. इन मैचों में अक्सर खिलाड़ियों के बीच तकरार और बहस देखने को मिलती है. हाल ही में हुए एशिया कप 2025 के भारत-पाकिस्तान मैच के दौरान, भारतीय खिलाड़ियों का पाकिस्तानी खिलाड़ियों से हाथ न मिलाना एक बड़ा विवाद बन गया था. ऐसे ही विवादों का सामना कई बार हुआ है भारत और पाकिस्तान के बीच. तो आइए कुछ प्रमुख घटनाओं पर नजर डालते हैं.
भारत और पाकिस्तान के 5 बड़े विवाद
1992: जावेद मियांदाद और किरण मोरे
ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में 1992 के विश्व कप मैच के दौरान, पाकिस्तान के जावेद मियांदाद भारतीय विकेटकीपर किरण मोरे के बार-बार अपील करने से नाराज़ हो रहे थे. दोनों के बीच कहासुनी हो गई और मियांदाद ने अंपायर से शिकायत भी की. अगली ही गेंद पर, पाकिस्तानी बल्लेबाज़ ने डबल रन लिया और हालांकि वह रन आउट हो चुके थे, मोरे ने बेल्स गिरा दीं और रन आउट की अपील की. मैच के दौरान मोरे द्वारा लेग साइड कैच के बहुत ही जोशीले अंदाज़ की अपील पर पाकिस्तानी बल्लेबाज़ ने बेहद मज़ेदार प्रतिक्रिया दी. निराश मियांदाद मोरे की नकल करने के लिए उछल पड़े, जिससे सभी हंस पड़े.
1996: वेंकटेश प्रसाद और आमिर सोहेल
1996 के विश्व कप क्वार्टर फ़ाइनल में, बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम में, 287 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए पाकिस्तान मज़बूत स्थिति में था और आमिर सोहेल ने स्कोरर को व्यस्त रखा. वेंकटेश प्रसाद की गेंद पर एक शानदार कवर ड्राइव के साथ अपना अर्धशतक पूरा करने के बाद, दोनों के बीच कुछ कहासुनी हुई. सोहेल ने कवर बाउंड्री की ओर इशारा करते हुए ऐसा जताने की कोशिश की कि वह प्रसाद की अगली गेंद पर वहीं शॉट लगाएंगे. हालांकि, आखिरी हंसी भारतीय मीडियम पेसर गेंदबाज़ की ही रही, जिन्होंने अगली ही गेंद पर सोहेल को क्लीन बोल्ड कर दिया. प्रसाद, जो आमतौर पर काफी शांत रहते थे, वे भी पीछे नहीं हटे और सोहेल को रवाना कर दिया.
2007: गौतम गंभीर और शाहिद अफरीदी
2007 में पाकिस्तान के भारत दौरे के तीसरे वनडे के दौरान, भारतीय सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर कानपुर के ग्रीन पार्क स्टेडियम में शाहिद अफरीदी के साथ एक तीखी बहस में उलझ गए. गंभीर द्वारा अफरीदी की गेंद पर चौका लगाने के बाद, पाकिस्तानी ऑलराउंडर ने कुछ शब्द कहे, जिस पर गंभीर ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. हालांकि, उसी ओवर में एक तेज़ रन लेते समय गंभीर अफरीदी से टकरा गए. इस टक्कर के बाद, दोनों ने एक-दूसरे के लिए तीखे अलफ़ाज़ इस्तेमाल किए और आखिर में अंपायरों को दोनों खिलाड़ियों को शांत करने के लिए बीच में आना पड़ा.
2010: गौतम गंभीर और कामरान अकमल
गंभीर से जुड़ी एक और घटना 2010 एशिया कप के चौथे मैच में श्रीलंका के दांबुला में हुई. बाएं हाथ के इस बल्लेबाज़ ने सईद अजमल की गेंद पर बाहरी किनारा लगाया और गेंद विकेटकीपर कामरान अकमल के हाथ में चली गई, जिन्हें लगा कि उनके पास कैच है. उन्होंने बड़े जोशीले अंदाज़ में कैच की अपील की, जिसे आखिरकार अंपायर ने नकार दिया.
हालांकि, ड्रिंक्स ब्रेक के दौरान, गंभीर और कामरान एक-दूसरे की ओर बढ़े और लगभग आपस में टकरा गए, एक-दूसरे को घूरने लगे और दोनों ने एक-दूसरे के लिए अपशब्द इस्तेमाल किए. अंपायर बिली बोडेन को उन्हें अलग करने के लिए बीच में आना पड़ा और उस समय गंभीर के बैटिंग पार्टनर महेंद्र सिंह धोनी तनाव कम करने के लिए गंभीर को तुरंत दूर खींच लिया.
2010: हरभजन सिंह और शोएब अख्तर
जिस मैच में गंभीर और कामरान अकमल के बीच बहस हुई, उसी मैच के आखिरी पलों में शोएब अख्तर और हरभजन सिंह के बीच भी भिड़ंत हुई. भारत को 267 रन का पीछा करते हुए आखिरी ओवर में 7 रन चाहिए थे. क्रीज पर कोई मजबूत बल्लेबाज नहीं था, ऐसे में माहौल तनावपूर्ण था. शोएब अख्तर, जिन्होंने उससे पहले वाला ओवर डाला था, हरभजन को जीत नहीं दिलाने की पूरी कोशिश कर रहे थे.
ओवर के दौरान, ऑफ स्पिनर की एक गेंद छूट गई और अख्तर पंजाबी में गालियां बकने लगे. दोनों खिलाड़ियों को भावुक होते देख, अंपायरों को बीच-बचाव करना पड़ा. हालांकि, अगले ओवर में मोहम्मद आमिर की गेंद पर छक्का जड़कर हरभजन को अंत में सफलता मिली. वह शेर की तरह दहाड़ते हुए दिखाई दिए, जिससे फाइन लेग बाउंड्री पर खड़े अख्तर को निराशा का सामना करना पड़ा.

