New Continent Discovered: वैज्ञानिकों ने उत्तरी अटलांटिक महासागर में एक हैरान करने वाली खोज की है. ग्रीनलैंड और कनाडा के बीच स्थित डेविस स्ट्रेट के नीचे एक छिपा हुआ, छोटा नया महाद्वीप (Microcontinent) मिला है. इस खोज ने न सिर्फ़ भूवैज्ञानिकों को हैरान किया है, बल्कि यह पृथ्वी की टेक्टोनिक प्लेटों के इतिहास के बारे में हमारी समझ को भी बदल सकता है.
यह ‘नया महाद्वीप’ क्या है?
वैज्ञानिकों ने इसे ‘डेविस स्ट्रेट प्रोटो-माइक्रोकॉन्टिनेंट’ नाम दिया है. यह असल में कॉन्टिनेंटल क्रस्ट का एक टुकड़ा है जो लगभग 33 से 61 मिलियन साल पहले बना था. यह लगभग 12 से 15 मील (19-24 किमी) मोटा है और समुद्र की सतह के नीचे है.
इसकी खोज कैसे हुई?
यह खोज यूके की यूनिवर्सिटी ऑफ़ डर्बी और स्वीडन की उप्साला यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने की. उन्होंने सैटेलाइट ग्रेविटी डेटा और भूकंपीय प्रतिबिंब डेटा का इस्तेमाल करके इस क्षेत्र का एक विस्तृत नक्शा बनाया है.
यह कैसे बना?
रिसर्च के अनुसार लाखों साल पहले जब ग्रीनलैंड और उत्तरी अमेरिका (कनाडा) अलग हो रहे थे. तब पृथ्वी की टेक्टोनिक प्लेटों में ज़बरदस्त हलचल हुई थी. ग्रीनलैंड और उत्तरी अमेरिका के बीच दरार 61 मिलियन साल पहले शुरू हुई थी. 58 और 49 मिलियन साल पहले टेक्टोनिक प्लेटों की गति की दिशा बदल गई, जिससे कॉन्टिनेंटल क्रस्ट का एक बड़ा टुकड़ा टूटकर बीच में फंस गया. यह प्रक्रिया 33 मिलियन साल पहले रुक गई, और यह टुकड़ा वहीं एक “माइक्रोकॉन्टिनेंट” के रूप में जम गया.
यह खोज विज्ञान के लिए क्यों महत्वपूर्ण है?
यह खोज दिखाती है कि महाद्वीप कैसे टूटते हैं और उनके अवशेष कैसे सुरक्षित रह सकते है. वैज्ञानिकों का मानना है कि यह घटना दुनिया के दूसरे हिस्सों (जैसे आइसलैंड) में भी हुई होगी, जिससे भविष्य में दूसरे “छिपे हुए महाद्वीपों” की खोज संभव हो सकती है. टेक्टोनिक प्लेटों के बारे में सटीक जानकारी भूकंप और सुनामी जैसी प्राकृतिक आपदाओं को समझने में मदद कर सकती है.