kawad yatra 2025:11 जुलाई से सावन का महीना शुरू होने वाला है। इस महिने के शुरुआत के साथ ही कांवड़ यात्रा भी शुरू हो जाएगी। यह खास महीना भोलेनाथ की पूजा के लिए सबसे अच्छा माना जाता है। भोलेबाबा के भक्त कांवड़ यात्रा में बड़े उत्साह के साथ हिस्सा लेते हैं।वहीं कई लोगो के मन में यह संशय है कि क्या महिलाएं कांवड़ यात्रा कर सकती हैं?
कांवड़ यात्रा क्या है ?
इस दौरान श्रद्धालु कांवड़ के साथ गंगा नदी का पवित्र जल लाते हैं और शिवलिंग पर चढ़ाते हैं।कांवड़ यात्रा भगवान भोलेनाथ के प्रति भक्ति और समर्पण का प्रतीक है। रावण ने भी हिमालय से गंगा जल लाकर भोलेनाथ का अभिषेक किया था. कांवड़ यात्रा के दौरान श्रद्धालु हरिद्वार, गंगोत्री, गौमुख, काशी, गढ़मुक्तेश्वर आदि से जल लाकर शिवलिंग पर चढ़ाते हैं।
क्या महिलाएं कांवड़ यात्रा कर सकती हैं?
भोलेनाथ की पूजा करने का अधिकार सभी को है. भगवान शिव को अर्धनारीश्वर कहा गया है, उनकी पूजा हर कोई कर सकता है. इसीलिए महिलाओं को कांवड़ यात्रा पर जाने की धार्मिक मनाही नहीं है. कई जगहों पर महिलाएं भी कांवड़ यात्रा पर जाती हैं. अगर कोई महिला कांवड़ यात्रा पर जाने में सक्षम है, तो वह कांवड़ यात्रा पर जा सकती है। कोई भी शास्त्र नहीं कहता कि महिलाएं कांवड़ यात्रा पर नहीं जा सकती हैं। कांवड़ यात्रा के नियम बहुत सख्त हैं। अगर महिलाएं अपनी क्षमता के अनुसार ये सभी काम कर सकती हैं जैसे कि लंबे समय तक नंगे पैर चलना, जप, तप, यात्रा आदि, तो वे कांवड़ यात्रा पर जा सकती हैं। हर साल कई शिव भक्त महिलाएं कांवड़ यात्रा पर जाती हैं।
नारी कांवड़ और शक्ति कांवड़ टोलियां
लंबे समय से महिलाओं के लिए नारी कांवड़ और शक्ति कांवड़ के रूप में अलग-अलग कांवड़ टोलियां बनाई गई हैं, जो महिलाओं की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखते हुए बनाई गई हैं। महिला कांवड़ यात्रियों के लिए कई जगहों पर अलग से कैंप, मेडिकल सहायता आदि भी उपलब्ध हैं।
महिलाओं को इन बातों का रखना चाहिए ध्यान
कांवड़ यात्रा पर जाते समय महिलाओं को कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए और सावधान रहना चाहिए। महिलाओं को इन बातों का ध्यान रखना चाहिए 1. मासिक धर्म के दौरान कांवड़ यात्रा का हिस्सा न बनें। 2. कांवड़ यात्रा पर जाने के लिए आपको शारीरिक रूप से सक्षम होना चाहिए। 3. यात्रा करते समय अपने स्वास्थ्य और सुविधा का ध्यान रखें।
कांवड़ यात्रा 2025 के नियम
- कांवड़ यात्रा करते समय कई नियमों का पालन किया जाता है, तभी उसका फल प्राप्त होता है। आइए जानते हैं कांवड़ यात्रा के नियम क्या हैं।
- कांवड़ यात्रा के दौरान मन, कर्म और वचन शुद्ध होने चाहिए।
- कांवड़ यात्रा के दौरान शराब, पान, गुटखा, तंबाकू, सिगरेट का सेवन नहीं करना चाहिए।
- कांवड़ यात्रा के दौरान कांवड़िये नंगे पैर यात्रा करते हैं। इस समय मन में शिव शंकर का नाम, मंत्रों का जाप और बोल बम के जयकारे और उनके भजन-कीर्तन होने चाहिए।
- कांवड़ उठाने के बाद उसे रास्ते में कहीं भी जमीन पर नहीं रखा जाता, ऐसा करना अधूरा माना जाता है, ऐसी स्थिति में कांवड़िये को दोबारा कांवड़ में पवित्र जल भरना पड़ता है।
Disclaimer:इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं और सामान्य जानकारियों पर आधारित है। इनखबर इसकी पुष्टि नहीं करता है।