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Shardiya Navratri 2025: नवरात्रि के बाद बोए हुए जौ का क्या करें? जानिए खास उपाय, नहीं होगी कभी धन की कमी

Navratri 2025: शारदीय नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना के साथ-साथ जौ बोने की परंपरा होती है. ऐसा इसलिए क्योंकि जौ को समृद्धि और उन्नति का प्रतीक माना जाता है और नवरात्रि में जौ बोने से घर में आर्थिक संपन्नता और समृद्धि आती है. लेकिन नवरात्रि के बाद जौ का सही उपयोग कैसे करना चाहिए? चलिए जानते हैं यहां

By: chhaya sharma | Last Updated: September 26, 2025 11:01:40 PM IST



Shardiya Navratri 2025: शारदीय नवरात्रि के दिनों में भक्त पूरे विधि विधान से माता दुर्गा के 9 सवरूपों की पूजा करते हैं और व्रत रखते है. शारदीय नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना के साथ-साथ जौ बोने की परंपरा भी होती है. ऐसा इसलिए क्योंकि जौ को समृद्धि और उन्नति का प्रतीक माना जाता है. लेकिन नवरात्रि के बाद जौ का सही उपयोग कैसे करना चाहिए? यह बात हर कोई सोचता है, तो चलिए जानते हैं यहां पर 

 नवरात्रि के बाद जौ का सही उपयोग कैसे करना चाहिए?

हिंदू धर्म के अनुसार नवरात्रि के दिनों को आध्यात्मिक और दैवीय शक्तियों को प्राप्त करने के लिए बेहद खास माना जाता है. नवरात्रि के दौरान ज्यादातर घरों में जौ उगाय जाते हैं, लेकिन नवरात्रि के बाद बोय हुए जौ का क्या करना चाहिए? तो हम आपको बताएंगे कि नवरात्रि के दौरान उगाय हुए जौ का क्या करना चाहिए और किन उपायों में आप जौ का यूज कर सकते हैं

धार्मिक मान्यता के अनुसार नवरात्रि के दौरान बोय हुए जौ को अगर किसी बीमार व्यक्ति के पास रख दें, तो उसे रोगों से छुटकारा मिलता है.

शारदीय नवरात्रि के बाद आप बोए हुए जौ को पीले कपड़े में बांधकर घर के मंदिर या पूर्व दिशा में भी रखने घर में कभी भी नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश नहीं करती है.

अगर आपको धन से जुड़ी समस्या होती है या आर्थित तंगी परेशानी है, तो नवरात्रि के बाद बोय हुए जौ को आप एक लाल कपड़े में बांधकर तिजोरी में रख दें. ऐसा करने से आपको धन लाभ होने लगता हैं

नवरात्रि के दौरान बोय हुए जौ का अष्टमी या नवमी तिथि के दिन हवन करते हुए आहुति के रूप में इस्तेमाल कर सकते है, ऐसा करने से जीवन में सभी तरह की नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है. इसके अलावा आप जौ को किसी पवित्र नदी में प्रवाहित भी कर सकते हैं.

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है. पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें. Inkhabar इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है.

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