Navratri Kalash Visharjan 2025: पूरे भारत में नवरात्रि की धूम देखने को मिल रही है. भक्तजन माता को प्रसन्न करने के लिए भक्ति में डूबे हुए हैं. इस साल शारदीय नवरात्रि (Shardiya Navratri 2025) की शुरुआत सोमवार ( 22 सितंबर) से हुई. इस वर्ष के नवरात्रि की खास बात ये रही है कि ये 9 नहीं बल्कि 10 दिनों की रही. बताया जा रहा है कि 27 साल बाद ऐया योग बना है. जिसकी वजह से इस बार की नवरात्रि बेहद खास हो गई है.
आज बुधवार (1 अक्टूबर) को शारदीय नवरात्रि का अंतिम दिन है. इस दिन को बेहद शुभ और महत्वपूर्ण माना जाता है. क्योंकि इस दिन कन्या पूजन और हवन का आयोजन किया जाता है. नवरात्रि के अंत में कलश विसर्जन (Navratri Kalash Visharjan 2025) की भी परंपरा होती है. वहीं बहुत सारे लोग जानना चाहते होंगे कि कलश विसर्जन का सही समय क्या है.इसे करने की विधि क्या है? चलिए शारदीय नवरात्रि के कलश विसर्जन और इसके शुभ मुहूर्त और सही तरीके के बारे में विस्तार से जानते हैं.
बता दें कि नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना की जाती है. कलश की स्थापना का विशेष महत्व होता है. इस के साथ भक्त नौ दिनों तक मां दुर्गा के लिए अखंड ज्योति भी जलाते हैं.कलश स्थापना को ‘घट स्थापना’ भी कहा जाता है. यह शुभ कार्य नवरात्रि के पहले दिन प्रातः शुभ मुहूर्त में किया जाता है. कलश स्थापना को देवी दुर्गा की पूजा का प्रारंभ माना जाता है, और यह संपूर्ण नौ दिनों की उपासना का आधार होता है.
कलश विसर्जन की तारीख और शुभ मुहूर्त (kalash visarjan shubh muhurat)
इस बार कलश विसर्जन दशमी तिथि के दिन किया जाएगा, जो कि कल यानी 2 अक्टूबर 2025 को है. हालांकि दशमी तिथि आज यानी 1 अक्टूबर को ही शुरू हो रही है, लेकिन उदयातिथि (सूर्योदय के समय की तिथि) के अनुसार कलश विसर्जन 2 अक्टूबर को किया जाएगा.
दशमी तिथि का शुभ मुहूर्त 1 अक्टूबर की शाम 7:01 बजे से शुरू होकर 2 अक्टूबर की शाम 7:10 बजे तक रहेगा. इसलिए कलश विसर्जन के लिए सबसे सही दिन और समय 2 अक्टूबर को दिन में या शाम तक माना गया है.
कलश विसर्जन मंत्र (Navratri Kalash Visharjan mantra)
कलश का विसर्जन करते समय आप आप नीचे दिए गए मंत्रो का उच्चारण कर सकते हैं.
- आवाहनं न जानामि न जानामि विसर्जनम्।
- पूजां चैव न जानामि क्षमस्व परमेश्वर॥
- मंत्रहीनं क्रियाहीनं भक्तिहीनं जनार्दन।
कलश विसर्जन की विधि (Navratri Kalash Visharjan Vidhi)
नवरात्रि कलश विसर्जन की विधि बेहद आसान है. इसके लिए सबसे पहले आप कलश को प्रणाम करें. फिर उसे हलका सा हिला लें, इसके बाद आप कलश के ऊपर रखे नारियल को हटाएं. इस नारियल को आप प्रसाद के तौर पर बांट सकते हैं.कलश के अंदर जो जल रखा है आप उसे पूरे घर में छिड़क सकते हैं. इसे छिड़कने के लिए आप आम के पत्ते का इस्तेमाल कर सकते हैं. जो कलश में पहले से रखा है.
घर में छिड़कने के बाद बचे हुए जल को अपने घर के पेड़-पौधों में डाल दें. इस बात का ध्यान रखें कि तुलसी के पेड़ में इस जल को नहीं डालना है. कलश विसर्जन के बाद फूल माला इत्यादि बची-कुची सामग्री को आप मंदिर के आसपास वाले पेड़ के नीचे रख सकते हैं.

