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Shardiya Navratri 2025 Day 2: शारदीय नवरात्रि का दूसरा दिन आज कैसे करें मां ब्रह्मचारिणी की पूजा, जानें पूजा विधि, मंत्र और आरती

Shardiya Navratri 2025 Day 2: शारदीय नवरात्रि के दूसरे दिन, मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने का विशेष महत्व है. इस दिन भक्त देवी दुर्गा के दूसरे रूप ब्रह्मचारिणी की पूजा करके उन्हें पीले वस्त्र और मिसरी अर्पित करते हैं. मान्यता है कि ऐसा करने से भक्तों के जीवन की सभी परेशानियां दूर होती हैं और उनकी हर मनोकामना भी पूर्ण होती है. तो आइए जानते हैं कि शारदीय नवरात्रि के दूसरे दिन की पूजा विधि, मंत्र और आरती के बारे में.

By: Shivi Bajpai | Published: September 23, 2025 6:36:50 AM IST



Bhramcharani Mata Puja Vidhi: नवरात्र का दूसरा दिन मां ब्रह्मचारिणी को समर्पित है. मां ब्रह्मचारिणी को वैराग्य, तपस्या और ज्ञान की देवी कहा गया है. मां ब्रह्मचारिणी कठोर तपस्या और ब्रह्मचर्य का पालन किया था. ब्रह्मचारिणी मां के नाम का अर्थ दो शब्दों से मिलकर बना है ब्रह्म का अर्थ है तपस्या और चारिणी का अर्थ है आचरण करने वाली.  शारदीय नवरात्र के दूसरे दिन मां की पूजा करने से आपको जीवन के सारे कष्टों से मुक्ति मिलती है. तो आइए जानते हैं नवरात्र के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि, मंत्र और आरती के बारे में.

मां ब्रह्मचारिणी को  ज्ञान और विद्या की देवी कहा गया है इनकी आराधना करने से आपको करियर में सफलता, बुद्धि-विवेक की प्राप्ति होती है. मां ब्रह्मचारिणी अंत्यत सरल, सशक्त और सुंदर है. मां ब्रह्मचारिणी सफेद रंग के वस्त्र धारण करें हाथ में अष्टदल की माला और दूसरे हाथ में कमंडल लिए हैं. उन्हे सृष्टि के रचायिता ब्रह्म जी की स्वामिनी माना गया है. अगर कोई भी भक्त मां की पूरे सच्चे मन से आराधना करता है तो उनकी सारी इच्छाएं पूर्ण होती हैं.

मां ब्रह्मचारिणी की कैसे करें पूजा (Maa Brahmacharini Puja Vidhi)

नवरात्र का दूसरा दिन मां ब्रह्मचारिणी को समर्पित है. इस दिन सुबह उठकर ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करें और इसके बाद पूजा स्थल पर गंगाजल छिड़के. 

मां ब्रह्मचारिणी को पीला रंग बेहद प्रिय है. इसलिए इन्हें पीले रंग के वस्त्र अर्पित करें और साथ ही पंचामृत से मां को स्नान कराएं.

घी का दीपक जलाकर मां को मिसरी का भोग लगाएं. फिर पीले फल, फूल और दूध से बनी मिठाई मां को अर्पित करें

इसके बाद लौंग, बताशे और हवन की सामग्री से आहुति दं

फिर मां ब्रह्मचारिणी की आरती करें और जयकारे लगाएं

पूजा के अंत में मां ब्रह्मचारिणी को पान सुपारी अर्पित करने के बाद मां की आरती करें.

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मां ब्रह्मचारिणी की आरती (Maa Bhramcharani Aarti)

जय अंबे ब्रह्माचारिणी माता।
जय चतुरानन प्रिय सुख दाता।

ब्रह्मा जी के मन भाती हो।
ज्ञान सभी को सिखलाती हो।

ब्रह्मा मंत्र है जाप तुम्हारा।
जिसको जपे सकल संसारा।

जय गायत्री वेद की माता।
जो मन निस दिन तुम्हें ध्याता।

कमी कोई रहने न पाए।
कोई भी दुख सहने न पाए।

उसकी विरति रहे ठिकाने।
जो तेरी महिमा को जाने।

रुद्राक्ष की माला ले कर।
जपे जो मंत्र श्रद्धा दे कर।

आलस छोड़ करे गुणगाना।
मां तुम उसको सुख पहुंचाना।

ब्रह्माचारिणी तेरो नाम।
पूर्ण करो सब मेरे काम।

भक्त तेरे चरणों का पुजारी।
रखना लाज मेरी महतारी।

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