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Sharad Purnima 2025: क्या शरद पूर्णिमा में सच में बरसता है आसमान से अमृत?

Sharad Purnima 2025: शरद पूर्णिमा सोमवार 6 अक्टूबर को है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन चंद्रमा 16 कलाओं से पूर्ण होता है और आकाश से अमृत वर्षा होती है. यही वजह है कि इस रात को चंद्रमा के प्रकाश के नीचे खीर रखी जाती है.

By: Shivi Bajpai | Published: October 6, 2025 10:57:58 AM IST



Sharad Purnima 2025 Ka Mehtav: हिंदू धर्म में शरद पूर्णिमा को बहुत ही पवित्र, शुभ और रहस्यमयी रात माना जाता है. साल 2025 में 6 अक्टूबर, सोमवार के दिन शरद पूर्णिमा मनाई जा रही है. धार्मिक मान्यता के अनुसार इस पूर्णिमा को चंद्रमा जब अपनी 16 कलाओं से पूर्ण होता है तब चंद्रमा की किरणों से अमृत की वर्षा होती है. तो आइए जानते हैं इस दिन से जुड़े रहस्य के बारे में

जब 16 कलाओं से पूर्ण होता है चंद्रमा 

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शरद पूर्णिमा पर चंद्रमा जब अपनी 16 कलाओं से पूर्ण होता है, तब वह अपनी उच्च स्थिति में होता है. ऐसी स्थिति में चंद्रमा शुभ फल प्रदान करता है. इसलिए इस समय चंद्रमा की किरणों में विशेष औषधीय गुण आ जाते हैं. इसलिए शरद पूर्णिमा वाली रात को अमृत बरसने वाली रात कहा जाता है.

आसमान के नीचे क्यों रखते हैं खीर 

शरद पूर्णिमा की रात खीर बनाकर आसमान के नीचे रखने की परंपरा वर्षों से चली आ रही हैं. लोग रात में चंद्रमा के प्रकाश के नीचे खीर रखते हैं फिर अगली सुबह इसी खीर को खाते हैं. इसके पीछे धार्मिक मान्यता है कि, चंद्रमा से निकलने वाला औषधीय या अमृत गुण खीर में आ जाता है, जिससे यह खीर सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है. सारे रोगों से मुक्ति भी दिलाता है. 

क्या कहता है विज्ञान?

विज्ञान की मानें तो, शरद पूर्णिमा पृथ्वी के सबसे निकट होता है, इसलिए चंद्रमा का प्रकाश पृथ्वी तक सबसे अधिक पहुंचता है. ऐसी स्थिति पूरे साल में केवल शरद पूर्णिमा पर ही बनती है. इसका एक कारण यही बताया जाता है कि शरद की रात का वातावरण शुद्ध और ठंडा भी होता है. इस समय चंद्रमा के किरणों की पराबैंगनी ऊर्जा (UV Rays) का स्तर बहुत नियंत्रित होता है. यही वजह है कि जब दूध या खीर को चंद्रमा की रोशनी में रखा जाता है, तो उसकी रासायनिक संरचना में हल्का परिवर्तन होता है, जो पचने में आसान और स्वास्थ्य के लिए लाभ दायक होती है. धार्मिक रूप से यही ‘ अमृत बरसने’ का प्रतीक है. 

(Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है. इनखबर इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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