Kanwar Uthane ke Niyam: सावन का महीना 11 जुलाई से शुरू हो चुका है। चारों तरफ केवल शिव के जयकारों की गूंज सुनाई दे रही है। शिव भक्त अपने प्रभू की भक्ति में लीन नजर आ रहे हैं। इस समय लाखों भक्त कांवड़ लेकर पवित्र नदियों से गंगाजल भरकर शिवलिंग पर चढ़ाते हैं। यह यात्रा सिर्फ आस्था का प्रतीक नहीं होती है, बल्कि अनुशासन, शुद्धता और समर्पण की भी अनूठी मिसाल होती है।
कांवड़ यात्रा का महत्व
कावड़ यात्रा सावन के पूरे महीने जारी रहती है। हालांकि कई जगह यह 11 जुलाई से शुरू होकर 23 जुलाई को खत्म हो जाएगी। यह आस्था की यात्रा हजारों साल पुरानी है। मान्यता के अनुसार, इस यात्रा से भगवान शिव खुश हो जाते हैं और भक्तों के मनचाहा फल देते हैं। लेकिन अगर यह यात्रा नियमों के साथ पूरी नहीं की गई तो सारा फल व्यर्थ हो जाता है।
Sawan 2025: शिवभक्ति से लेकर विज्ञान तक, क्यों इतना खास है सावन?
कांवड़ यात्रा के नियम
- कांवड़ को ज़मीन पर ना रखें- गंगाजल से भरी हुई कांवड़ काफी पवित्र होती है। इसे जमीन पर नहीं रखवा चाहिए। आप इसे लकड़ी के स्टैंड पर या पेड़ पर टांग सकते हैं। लेकिन अगर कांवड़ जमीन को छू लेती है, तो आपका फल व्यर्थ हो जाएगा।
- पूरी तरह शुद्ध होकर उठाए कांवड़- यात्रा शुरू करने से पहले अपने अंदर से बुरे विचार, गुस्सा या जलन जैसे भाव के निकाल कर बाहर फेंक दें।
- मांस-मदिरा से पूरी तरह दूरी- सावन के दौरान मांस, शराब, सिगरेट, तंबाकू और लहसुन-प्याज आदी चीजों के सेवन से जितना दूर हो सके रहें।
- साफ-सफाई का खास ध्यान- हर रोज नहाना अनिवार्य है। शौच या किसी भी अपवित्र कार्य के बाद आप नहाए बिना कांवड़ को हाथ नहीं लगा सकते हैं।
- चमड़े की वस्तुएं इस्तेमाल पर पाबंदी- चमड़े से बनी बेल्ट, जूते या फिर कोई भी ऐसी चीज जो चमड़े से बनी हो उसका इस्तेमाल बिल्कुल भी ना करें।
क्यों होती है कांवड़ यात्रा?
मान्यता के अनुसार, जब समुद्र मंथन हुआ था, तब उससे विष निकला था। जो भगवान शिव ने पी ली था। जिसके कारण वह नीलकंठ भी कहलाए। सावन के दौरान गंगाजल चढ़ाने से शिव के गले को शांति मिलती है। साथ ही भक्तों को उनका आशिर्वाद प्राप्त होता है। यही कारण है कि यह यात्रा हमारी आस्था और कृतज्ञता का प्रतीक बन चुकी है।
Disclaimer: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है। पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इन खबर इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।