Premanand Ji Maharaj: प्रेमानंद जी महाराज, एक हिंदू तपस्वी और गुरु हैं, जो राधावल्लभ संप्रदाय को मानते हैं. प्रेमानंद जी महाराज अपनी भक्ति, सरल जीवन, और मधुर कथाओं के लिए लोगों में काफी प्रसिद्ध हैं. हर रोज लोग उनके कार्यक्रम में शामिल होते हैं जहां वह लोगों के सवालों के जवाब देते हैं.हजारों लोगों को आध्यात्मिक मार्गदर्शन देते हैं. उनके प्रवचन, जो दिल को छू जाते हैं, ने उन्हें बच्चों और युवाओं सहित विभिन्न आयु वर्ग के लोगों के बीच लोकप्रिय बनाया है. प्रेमानंद जी महाराज नाम जप करने के लिए के लिए लोगों को प्रेरित करते हैं और साफ मन से अपने काम को करें और सच्चा भाव रखें.
भक्त के सवाल पर प्रेमानंद जी महाराज ने बताया ऑफिस में आपसे कोई द्वेष करें तो क्या करें, उससे लड़े या आगे बढ़ें.
द्वेष करने वाले से हमें द्वेष की भावना नहीं करनी चाहिए. हमारा शास्त्रीय सिद्धांत है आनंद होने के लिए , क्योंकि द्वेष करने वाला का कुछ बिगड़े या ना बिगड़े लेकिन हमारा जरूर बिगड़ता है, हमारा मन जलता है, उसको देखते ही जलता है और क्रोध आने लगता है, जिससे हमारा द्वेष भाव द्दढ़ हो जाता है और मन में गलत बात भी आती है.
तो हमारी वृत्ति जब दूसरे को दुख देने की बात सोचेगी तो पहले हम दुखी हो जाएंगे, यह सोच ही हमको दुखी करेगी. हमे चाहिए जहां तक हो सके, अपने से ईर्ष्या या द्वेष करने वाले से प्रेम करें. हमको द्वेष नहीं करना, द्वेष अगर हटाना है तो प्रेम करना है. अगर द्वेष करेंगे तो कर्म बिगड़ेंगे. मन से प्रणाम करें और द्वेष ना रखें. वो जो कर रहे हैं उनको भोगना होगा, आप अच्छा करेंगे तो आपका मन प्रसन्न रहेगा. मन जलेगा, अगर वो है भी नहीं तब भी एकांत में भी सोच कर आपका मन जलेगा. अगर कोई बुरा करने पर उतारु हो जाए तो अपनी सुरक्षा व्यवस्था कानूनी कार्यवाही करें.
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