Premanand Ji Maharaj: प्रेमानंद जी महाराज, एक हिंदू तपस्वी और गुरु हैं, जो राधावल्लभ संप्रदाय मो मानते हैं. प्रेमानंद जी महाराज अपनी भक्ति, सरल जीवन, और मधुर कथाओं के लिए लोगों में काफी प्रसिद्ध हैं. हर रोज लोग उनके कार्यक्रम में शामिल होते हैं जहां वह लोगों के सवालों के जवाब देते हैं.हजारों लोगों को आध्यात्मिक मार्गदर्शन देते हैं. उनके प्रवचन, जो दिल को छू जाते हैं, ने उन्हें बच्चों और युवाओं सहित विभिन्न आयु वर्ग के लोगों के बीच लोकप्रिय बनाया है. प्रेमानंद जी महाराज नाम जप करने के लिए के लिए लोगों को प्रेरित करते हैं और साफ मन से अपने काम को करें और सच्चा भाव रखें.
इस लेख के जरिए जानें कि मृत्यु के बाद जीवन का स्वरूप और उसकी यात्रा कैसी होती है, जानें उनके अनोल वचन.
कर्मों के अनुसार त्रिविध गति होती है और उसकी विविध गति होती है, त्रिविधि गति में अधिक पाप करने वाला यातना देह में डाल कर उसे नर्क में भेजा जाता है. अधिक पुण्य करने वाला देव देह में डालकर उसे स्वर्ग भेजा जाता है. और दोनों के पाप-पुण्य जब क्षीन हो जाते है तो त्रिविध गति मनुष्य युनि या मृत्यु लोक में उसका जन्म होता है.
त्रिविध गतियां और विविध गतियां साधारण होती रहती हैं विविध गति असाधारण वो है जो भगवान का भजन करके, तीनों गुणों को परास्त करके, काम, क्रोध, लोभ, मोह माया को जीत कर भगवान के धाम को जाता है. राम उपासक हुआ तो साकेत पुरी को जाता है, शिव उपासक हुआ तो कैलाश को जाता है, कृष्ण उपासक हुआ तो गोलोक धाम को जाता है,प्रिय प्रीतम का उपासक हुआ तो वृंदावन धाम को जाता है. यह इनकी गतियां होती है.
Tulsi Mala Explainer: तुलसी माला को पहनने के नियम क्या होते हैं? इसका धार्मिक महत्व क्या है?
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