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Bhagwaan Shiv Ki Aarti: प्रदोष व्रत के दिन करें भगवान शिव की ये आरती, भोले बाबा की आप पर होगी कृपा!

Bhagwaan Shiv Ki Aarti: आज यानी 3 नवंबर को कार्तिक मास का अंतिम प्रदोष व्रत किया जा रहा है. सोमवार के दिन ये व्रत पड़ रहा है इसलिए इसे सोम प्रदोष व्रत कहा जाएगा. इस दिन प्रदोष काल में महादेव और माता पार्वती की आराधना की जाती है. तो आइए जानते हैं भगवान शिव की आरती के बारे में.

By: Shivi Bajpai | Published: November 3, 2025 9:29:07 AM IST



Som Pradosh Vrat Aarti: वैदिक पंचांग अनुसार, कार्तिक माह का आखिरी प्रदोष व्रत आज यानी की 3 नवंबर को सोमवार के दिन रखा जाएगा. इस दिन भक्त भगवान शिव के साथ-साथ माता पार्वती की भी पूजा करेंगे और उनकी आशीर्वाद प्राप्त करेंगे. इस व्रत का पालन कर अन्न और धन का दान भी करेंगे. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, प्रदोष व्रत करने से आपके जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है. शिव जी की विशेष कृपा आप पर और आपके परिवार पर बनी रहती है. प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की आरती करने से व्यक्ति को शुभ फल की प्राप्ति होती है.

प्रदोष व्रत पर करें महादेव की ये आरती (Mahadev Ki Aarti)

जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा ।

ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥ ॐ जय शिव…॥

एकानन चतुरानन पंचानन राजे ।

हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ॐ जय शिव…॥

दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे।

त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॐ जय शिव…॥

अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी ।

चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी ॥ ॐ जय शिव…॥

श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे ।

सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥ ॐ जय शिव…॥

कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता ।

जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता ॥ ॐ जय शिव…॥

ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका ।

प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका ॥ ॐ जय शिव…॥

काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी ।

नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी ॥ ॐ जय शिव…॥

त्रिगुण शिवजीकी आरती जो कोई नर गावे ।

कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे ॥ ॐ जय शिव…॥

ओम जय शिव ओंकारा॥ स्वामी ओम जय शिव ओंकारा॥

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(Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है. इनखबर इस बात की पुष्टि नहीं करता है)

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