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Mantra Jaap: क्या ओम और गायत्री मंत्र का जप सच में तनाव कम करता हैं, जानें इसका वैज्ञानिक और आध्यात्मिक अर्थ

Mantra Jaap: हिंदू धर्म में मंत्र जाप और नाप जप को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है. मंत्र जाप के बहुत से लाभ है. जिसके वैज्ञानिक और आध्यात्मिक लाभ बताए गए है. जानते हैं ऊँ और गायत्री मंत्र के लाभ.

By: Tavishi Kalra | Published: December 23, 2025 12:42:31 PM IST



Mantra Jaap: हिंदू धर्म में मंत्र जाप करना या भगवान के नाम का जप करना बहुत लाभकारी माना गया है. मंत्र जाप से हमारे मन को शांति मिलती है और मन एकाग्र होता है. साथ ही मंत्र जाप औप भगवान का नाम लेने से शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है और परमात्मा से जुड़ाव बढ़ाता है.

हिंदू धर्म में ऊँ शब्द का जाप बहुत महत्वपूर्ण माना गया है. ‘ॐ’ सृष्टि की मूल ध्वनि है. इसके जाप से शरीर में कंपन पैदा होती है और आपकी बॉडी में रक्त का संचार बढ़ता है. ऊँ के जाप से बहुत से तनाव कम होते हैं और मानसिक शांति का अनुभव होता है. इससे मन एकाग्र होता है और हमारे मन में भावनात्मक स्थिरता आती है.

ऊँ का जाप हमेशा गहरी सांस को लेकर करना चाहिए. इस तरह से ऊँ का जाप करने से आपके फेफड़े पूरी तरह से फैलते हैं और आपके मन और दिमाग को शांति का अनुभव होता है. गहरी सांस के साथ मंत्रों का जाप एक तरह नेचुरल थेरेपी है, जो मन को शांत करता है, एकाग्रता बढ़ाता है और नकारात्मक विचारों को दूर करता है.

वैज्ञानिक शोध और अनुभव

कई अध्ययनों में पाया गया है कि गायत्री मंत्र और ‘ॐ’ के जाप से चिंता (anxiety), अवसाद (depression) और तनाव (stress) के लक्षणों में कमी आती है. आप खुद से अपने आप में बड़े बदलाव महसूस करते हैं. यह अभ्यास भावनात्मक प्रतिक्रियाओं को सकारात्मक रूप से बदलने और मानसिक स्पष्टता लाने में मदद करता है.

ऊँ के मंत्र के साथ गायत्री मंत्र का जाप सच में तनाव कम करता है और इसके कई मानसिक, भावनात्मक और शारीरिक लाभ हैं, इससे चिंता, डिप्रेशन कम होता है. अगर आपको क्रोध आता है या आपका मन एक जगह नहीं लगता को निरंतर ऊँ या गायत्री मंत्र का जाप आपके मस्तिक पर प्रभाव डालता है. आप इसके निरंतर जाप से अपने भावनाओं पर कंट्रोल करना सीखते हैं.

ऐसा माना गया है रोज सुबह अपने दिन की शुरुआत ऊँ और गायत्री मंत्र के जाप के साथ करें. गहरी सांस लेकर धीरे-धीरे मंत्र का उच्चारण करें. सुबह या ब्रह्म मुहूर्त के समय पूर्व दिशा (North) की ओर मुख करके जपना सबसे लाभकारी माना जाता है. इस काम को पूरी निष्ठा और नियम के साथ करें.

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