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Kasibugga Venkateshwar Swami Temple: दक्षिण भारत के इस मंदिर का क्या है भगवान विष्णु से कनेक्शन, जानें क्यों कहलाता है ‘पूर्व का तिरुपति’?

Kasibugga Venkateshwar Swami Temple: आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले में स्थित काशी बुग्गा वेंकेटेश्वर मंदिर दक्षिण भारत के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है. यह मंदिर भगवान विष्णु के अवतार वेंकेटेश्वर को समर्पित है. यहां हर साल देवउठनी एकादशी के मौके पर भक्तों का तांता लगता है. तो आइए जानते हैं इस मंदिर से जुड़ी कई बातें और इसकी मान्यताओं के बारे में.

By: Shivi Bajpai | Published: November 1, 2025 2:15:41 PM IST



Kasibugga Venkateshwar Swami Mandir: आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले में काशी बुग्गा वेंकेटेश्वर स्वामी मंदिर दक्षिण भारत का फेमस मंदिर है. यह मंदिर भगवान विष्णु के अवतार वेंकेटेश्वर को समर्पित है. यहां हर साल देवउठनी एकादशी पर लाखों श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं. काशी बुग्गा वेंकेटेश्वर स्वामी मंदिर का इतिहास करीब 600 साल पुराना बताया गया है. बात की जाए इसके निर्माण की तो ये विजयनगर साम्राज्य के समय हुआ था. स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, इस मंदिर की स्थापना भगवान विष्णु के एक दिव्य स्वरूप में हुई थी, जो स्वयं यहां प्रकट हुए थे. मंदिर में बहुत ही खूबसूरत शिलालेख और नक्काशी आज भी मौजूद है ये बात इसके इतिहास को और भी गौरवशाली बनाती है. 

क्यों कहा जाता है ‘पूर्व का तिरुपति’?

यह मंदिर तिरुपति बालाजी मंदिर की तरह ही पूजा पद्धति और परंपराओं का पालन करता है. यही कारण है कि इसे ‘पूर्व का तिरुपति’ कहा जाता है. यह भगवान वेंकेटेश्वर के साथ देवी देवी पद्मावती और भगवान विष्णु के अन्य रूपों की भी पूजा की जाती है. भक्तों का मानना है कि यहां दर्शन करने से वही पुण्य प्राप्त होता है, जो तिरुपति बालाजी में दर्शन करने से मिलता है.

ये मंदिर है कला की मिसाल 

मंदिर की बनावट प्राचीन द्रविड़ शैली में है, जिसमें पत्थर की नक्काशी और ऊंचे गोपुरम (मुख्य द्वार) इसकी पहचान हैं. मंदिर के गर्भगृह में भगवान वेंकटेश्वर की काले पत्थर से बनी मूर्ति स्थापित है, जो अत्यंत भव्य और शांत रूप में दिखाई देती है. मंदिर के चारों ओर बने छोटे-छोटे मंडपों और स्तंभों पर देवी-देवताओं की सुंदर मूर्तियां उकेरी गई हैं.

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वेंकेटेश्वर मंदिर का धार्मिक महत्व 

काशी बुग्गा वेंकेटेश्वर मंदिर का विशेष महत्व है. यहां एकादशी, ब्रह्मोत्सव और वैकुंठ एकादशी जैसे पर्व मनाए जाते हैं. इन दिनों मंदिर में काफी भीड़ होती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान वेकेंटेश्वर की पूजा करने से आपके सारे पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है. मंदिर के पास नागावली नदी भी है. यहां पर स्नान करने के बाद लोग मंदिर जाकर पूजा करते हैं.

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(Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है. इनखबर इस बात की पुष्टि नहीं करता है)

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