Kanya Pujan 2025: हिंदू धर्म में अष्टमी और नवमी के दिन कन्या पूजन का विशेष महत्व माना जाता है। मान्यता है कि कन्याएं स्वयं मां दुर्गा का स्वरूप होती हैं। इसलिए उनके पूजन और सेवा करने से भक्त को देवी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसके अलावा घर-परिवार में सुख, शांति और सफलता का वास भी बना रहता है।
इस साल अष्टमी 30 सितंबर और महानवमी 1 अक्टूबर को मनाई जा रही है। इस खास अवसर पर लोग घरों और मंदिरों में कन्याओं को भोजन कराते हैं और उन्हें प्रसन्न करने के लिए कुछ उपहार भी देते हैं। परंतु कन्या पूजन में कुछ चीजें नहीं देनी चाहिए, वरना जीवन में नेजेटिव एनर्जी आ सकती है और आपके शुभ फल पर इसका असर पड़ सकता है।
अष्टमी और नवमी का शुभ मुहूर्त
कन्या पूजन के लिए सही समय यानी मुहूर्त* का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है।
अष्टमी शुभ मुहूर्त:
पहला मुहूर्त: सुबह 5:00 बजे से 6:12 बजे तक
दूसरा मुहूर्त: सुबह 10:40 बजे से 12:10 बजे तक
नवमी शुभ मुहूर्त:
पहला मुहूर्त: सुबह 4:53 बजे से 5:41 बजे तक
दूसरा मुहूर्त: सुबह 8:06 बजे से 9:50 बजे तक
कन्या पूजन में न दें ये चीजें
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कुछ वस्तुएं कन्याओं को नहीं देनी चाहिए:
1. कांच से बनी चीजें – इससे अशुभ असर पड़ सकता है।
2.नुकीली चीजें – इनमें चोट या नेजेटिव एनर्जी का संकेत माना जाता है।
3.चमड़े की वस्तुएं – जैसे पर्स, जूते आदि।
4. काले रंग की वस्त्र या कपड़ा – इससे सुख-सफलता पर असर पड़ता है।
5. स्टील या लोहे की चीजें – ज्योतिष के अनुसार स्टील का संबंध राहु से होता है।
कन्या पूजन में दें ये चीजें
कन्याओं को कुछ विशेष चीजें देने से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है और घर में पॅाजिटविटि बढ़ती है।
1. रंग-बिरंगे डिब्बे, गुब्बारे और सजावट की चीजें – कन्याओं को प्रसन्न करती हैं।
2. शिक्षा से जुड़ी सामान – किताबें, पैन, पेंसिल, रंगीन बक्से, कलरिंग बुक आदि।
3. फल, खिलौने और कपड़े – यह शुभ माना जाता है।
कन्या पूजन का उद्देश्य न केवल देवी दुर्गा की पूजा करना है, बल्कि पॅाजिटिव एनर्जी, प्रेम और सम्मान का भी संदेश देना है। इस दिन कन्याओं को सम्मान देने से घर में खुशियाँ और सफलता बनी रहती है।
इस साल अष्टमी और नवमी पर सही मुहूर्त में कन्याओं का पूजन करें, शुभ वस्तुएं दें और उनके जरिए से मां दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त करें।