Jagannath Rath Yatra 2025: पुरी में भगवान जगन्नाथ की भव्य रथ यात्रा 27 जून, शुक्रवार से शुरू हो गई है। यह धार्मिक यात्रा 8 जुलाई तक चलेगी, जब नीलाद्रि विजय के साथ भगवान अपने मंदिर लौटेंगे। हजारों की संख्या में भक्त पुरी पहुंच चुके हैं, ताकि इस शुभ यात्रा का हिस्सा बन सकें। भगवान जगन्नाथ अपने भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ गुंडिचा मंदिर की ओर रथ पर सवार होकर निकलते हैं। सूत्रों के अनुसार यात्रा से पहले सुबह 6 बजे मंगला आरती की गई और 9:30 बजे से भगवान को रथ पर विराजमान कराने की प्रक्रिया शुरू हुई। दोपहर करीब 1 बजे भगवान को रथ पर बैठाया जायेगा।
यात्रा की शुरूआत खास परंपरा के साथ
यात्रा शुरू होने से पहले, दोपहर करीब 3 बजे, पुरी राजपरिवार के गजपति रथयात्रा के मार्ग की सफाई (सोने की झाड़ू से सफाई) करके यात्रा का उद्घाटन करेंगे। इस पवित्र यात्रा की शुरुआत एक बेहद खास परंपरा से होती है। इसे ‘छेरे पंहरा’ कहते हैं। यह परंपरा सदियों पुरानी है और इसे राजपरिवार द्वारा निभाया जाता रहा है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सोना बेहद पवित्र धातु है और देवी-देवताओं की पूजा में इसका विशेष स्थान है। रथ यात्रा के शुभारंभ से पहले सोने के झाडू से सफाई करना समृद्धि और पवित्रता का प्रतीक माना जाता है।
क्या है मान्यता?
इसके पीछे मान्यता है कि सोने की धातु गुरु ग्रह से संबंधित है, जो ज्ञान, वैभव और शुभता का कारक माना जाता है। इस अनोखी परंपरा के साथ रथ यात्रा का शुभारंभ होता है, जिसमें भक्तजन पूरे उत्साह और श्रद्धा के साथ शामिल होते हैं। जगन्नाथ रथ यात्रा न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर में रहने वाले श्रद्धालुओं के लिए एक आध्यात्मिक उत्सव है।