Indira Ekadashi ke Upay: हिंदू पंचांग के अनुसार हर माह दो एकादशी होती हैं, जिनमें से प्रत्येक का अपना विशेष महत्व है। आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को इंदिरा एकादशी कहा जाता है। यह तिथि विशेष रूप से पितृ पक्ष के दौरान आती है, इसलिए इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। मान्यता है कि इस दिन का व्रत करने से पितरों को शांति मिलती है और व्रतधारी को घर-परिवार में सुख, समृद्धि और धन लाभ की प्राप्ति होती है।
वर्ष 2025 में इंदिरा एकादशी का व्रत 17 सितंबर, बुधवार को रखा जाएगा। शास्त्रों के अनुसार, इस दिन श्रद्धापूर्वक उपवास करके भगवान विष्णु की पूजा करने और तुलसी के पौधे की आराधना करने से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार सत्ययुग में राजा इंद्रसेन पर अपने पितरों का ऋण था। महर्षि नारद ने उन्हें इंदिरा एकादशी का व्रत करने का उपदेश दिया। राजा ने विधिवत इस व्रत का पालन किया, जिससे उनके पितरों को मोक्ष प्राप्त हुआ और स्वयं उनके राज्य में सुख-समृद्धि बढ़ी। तभी से इस व्रत को पितृ तर्पण और धन लाभ के लिए श्रेष्ठ माना जाता है।
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तुलसी से जुड़े खास उपाय
- तुलसी पर जल चढ़ाना – प्रातःकाल स्नान के बाद शुद्ध जल में गंगाजल मिलाकर तुलसी पर अर्पित करें। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और आर्थिक लाभ की संभावना बढ़ती है।
- तुलसी दल अर्पित करना – भगवान विष्णु को तुलसी दल अर्पित करना इस दिन विशेष फलदायी माना जाता है। मान्यता है कि बिना तुलसी के पूजा अधूरी रहती है।
- दीपदान – शाम के समय तुलसी के पौधे के पास घी का दीपक जलाएं और भगवान विष्णु का ध्यान करें। यह उपाय घर में लक्ष्मी कृपा बनाए रखने वाला माना जाता है।
- तुलसी माला का जाप – इस दिन तुलसी की माला से “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जप करें। इससे मानसिक शांति और धन की वृद्धि होती है।
- तुलसी के पास दान – गरीब या जरूरतमंद को तुलसी के पौधे के पास भोजन या वस्त्र दान करें। यह पितरों को तृप्त करता है और वंश में सुख-समृद्धि लाता है।

