Hariyali Teej 2025: हर साल श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज का व्रत रखा जाता है। हरियाली तीज का व्रत सुहगनी महिलाओं के लिए बेहद खास होता है, क्योंकि अखंड सौभाग्य की प्राप्ति और पति की दीर्घायु के लिए इस व्रत (Hariyali Teej Fast) को रखा जाता है। हरियाली तीज के दिन शिव- पार्वती का विधान माना जाता है। कहा जाता है कि जो कोई व्यक्ती या महिला सावन के महीने में हरियाली तीज का व्रत रखता है, उनसे भगवान शिव और माता पार्वती खुश होती है और उनकी इच्छा पूरी करती हैं।
हरियाली तीज कब है। (Hariyali Teej date?)
साल 2025 में हरियाली तीज का व्रत रविवार के दिन 27 जुलाई को रखा जायेगा। इस व्रत को विवाहित महिलाओं के साथ कुंवारी कन्याएं भी रख सकती हैं। कोई भी कुंवारी कन्या अगर इस व्रत को रखती है और पूरे मन से शिव-पार्वती की पूजा करती है, तो उन्हें मनचाहे वर की प्राप्ति होती है।हरियाली तीज का व्रत (Hariyali Teej Vrat) रखते हुए महिलाओं को कई सारी बातों का ध्यान रखना चाहिए और व्रत के दौरान कुछ कामों को भूलकर भी नहीं करना चाहिए। तो चलिए जानते हैं कि हरियाली तीज के दिन महिलाओं को क्या नहीं करना चाहिए और किन बातों का खाय ध्यान रखना चाहिए।
हरियाली तीज व्रत में महिलाओं को क्या नहीं करना चाहिए? (Women Should Not Do During Hariyali Teej Fast)
हरियाली तीज व्रत के दिन महिलाओं को प्याज, लहसुन जैसे तामसिक पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि तामसिक भोजन मन में विकार और चंचलता उत्पन्न कर सकता है, इसलिए व्रत के दिन सिर्फ सात्विक और शुद्धता भोजन करने की सलहा दी जाती है, ताकि पूजा विधि में कोई दोष न लगे।
हरियाली तीज के दिन महिलाओं को काले रंग की चूड़ियां नहीं पहननी चाहिए, ऐसा करना बेहद अशुभ माना जाता है, हरियाली तीज पर हरी चूड़ियां पहनना शुभ होता है, यह रंग प्रकृति और सुहाग का प्रतीक माना जाता है और हरि चूड़ियां पहनने से सौभाग्य और वैवाहिक जीवन में खुशहाली भी आती है।
हरियाली तीज व्रत (Hariyali Teej Vrat) के दौरान महिलाओं को दिन में सोना नहीं चाहिए क्योंकि आध्यात्मिक मान्यताओंके अनुसार व्रत का उद्देश्य आत्म-नियंत्रण होता है और संयम का अभ्यास करना है और दिन में सोना आलस्य को बढ़ाता है और व्रत में सोने से मानसिक स्थिति भी कमजोर होती है।
इसके अलावा जो भी महिला हरियाली तीज का व्रत रखती है उन्हें पति से वाद-विवाद नहीं करना और कोई भी अपशब्द नहीं बोलने चाहिए ऐसा करने से व्रत खंडित हो जाता है और भगवान शिव और माता पार्वती भी नाराज हो सकते हैं।
Disclaimer: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है। पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इन खबर इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।