Hanuman Bahuk Path: आज मंगलवार का दिन है और मंगलवार का दिन भगवान हनुमान जी को समर्पित होता है, जो कलयुग के देवता है। ऐसे में नियमित रूप से हनुमान जी की पूजा-पाठ करने व्यक्ति के सारे दुख दर्द दूर हो जाते हैं और जीवन में तरक्की के रास्ते खुलते हैं। कई लोग हनुमान जी (Hanuman ji) को खुश करने के लिए हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ भी करते हैं। लेकिन हनुमान जी को खुश करने के लिए इससे भी शक्तिशाली और प्रभावशाली स्त्रोत हनुमान बाहुक, जिसकी रचना श्री तुलसीदास जी द्वारा की गई है। तो चलिए जानते हैं यहां हनुमान बाहुक पाठ करने का क्या महत्व, नियम, विधि और लाभ के बारे में।
हनुमान बाहुक पढ़ने के क्या फायदे हैं?
हनुमान बाहुक स्रोत का पाठ करने से शारीरिक कष्ट, रोग, मानसिक तनाव और शत्रु बाधा से छुटकारा मिलता है, इसके अलावा भी हनुमान बाहुक के कई लाभ हैं। इसके अलावा हनुमान बाहुक को पढ़ने के कई नियम और विधि हैं, जिसके बारे में यहां आपको बताया गया है। तो चलिए जानते हैं हनुमान बाहुक को पढ़ने के महत्व, विधि और नियम
- लंबे समय से चल रही बीमारीयों और रोगों से छुटकारा- पुरानी कथाओं के अनुसार एक बार तुलसीदास जी को हाथों में असहनीय पीड़ा हो रही थी, जिसके बाद उन्होंने हनुमान बाहुक स्त्रोत की रचना की। जिसके बाद हनुमान बाहुक का रोजाना पाठ करने से उन्हें कई तरह के चमत्कारी लाभ प्राप्त हुए और उनकी पीड़ा गायब हो गई।
- शारीरिक मानसिक बल में वृद्धि होती है- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अगर आप रोजाना नियम के साथ हनुमान बाहुक का पाठ करते हैं, तो आपको मानसिक और शारीरिक बल की प्राप्ति होती है और आंतरिक शक्तियां भी जागरूक होती हैं
- शत्रु बाधा से सुरक्षा मिलती है- मान्यताओं के अनुसार रोजाना हनुमान बाहुक का पाठ करने से वाद-विवाद, कोर्ट-कचहरी और दुश्मनों से होने वाली परेशानियों से छुटकारा मिलता है और हनुमान जी (Hanuman ji) सदैव आपकी रक्षा के लिए तैयार रहते हैं औनकी कृपा आप पर बनी रहती है।
हनुमान बाहुक की पूजा विधि और नियम क्या है?
हनुमान बाहुक का पाठ करने के कई नियम है, जिसका पालन आपको जरूर करना चाहिए, जैसे…
- हनुमान बाहुक का पाठ करने से पहले जल्दी सुबह उठकर स्नान करना चाहिए और साफ कपड़े पहनने चाहिए
- इसके अलावा हनुमान बाहुक का पाठ करने से पहले हनुमान जी के सामने घी या तेल का दीपक जरूर जलाना चाहिए और उन्हें पीले या लाल पुष्प अर्पण करने चाहिए
- वहीं हनुमान जी को गुड़-चना, सिंदूर, चमेली का तेल बेहद पसंद है, तो हनुमान बाहुक के पाठ से पहले ये सभी चीजें आपको हनुमान जी अर्पित करना चाहिए
- साथ ही हनुमान बाहुक के प्रत्येक पाठ के बाद 108 बार ऊँ हनुमते नमः का जाप जरूर करना चाहिए
यहां जाने हनुमान बाहुक की शास्त्रीय प्रमाणिकता
तुलसीदास जी ने हनुमान बाहुक का जिक्र हनुमान (Hanuman ji) भक्ति दिखाने के लिए किया है। दीनबंधु दुखहारी, हनुमंत रखवारी। बाहुक बनायो तुलसी, संकट मिटाओ सारी।। यह हनुमान बाहुक का बेहद महत्वपूर्ण श्लोक है। इस ग्रंथ को मुख्य तौर पर उत्तर भारत में बनारस, अयोध्या, चित्रकूट जैसे क्षेत्रों काफी माना जाता है
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