Ganesh Visarjan Muhurat ,Rituals 2025: अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश विसर्जन के साथ ही 10 दिन के महाउत्सव का समापन होता है। इस दिन घरों और पंडालों में स्थापित गणेशजी की प्रतिमा का विधिपूर्वक विसर्जन किया जाता है। गणेश विसर्जन केवल एक परंपरा नहीं है, बल्कि शास्त्रों के अनुसार यह देव प्रतिमा का पुनः पंचतत्व में विलय है, इसलिए इसमें शुभ मुहूर्त का विशेष महत्व माना गया है। शास्त्रों के अनुसार शुभ मुहूर्त में गणपति विसर्जन करने से पूजा का पूर्ण फल प्राप्त होता है और बप्पा का आशीर्वाद घर-परिवार पर बना रहता है। इस वर्ष गणेश विसर्जन के लिए सुबह 7 बजकर 36 मिनट से शुभ मुहूर्त की शुरुआत हो रही है और पूरे दिन में केवल 3 मुहूर्त ही विसर्जन के लिए अनुकूल माने गए हैं। आइए विस्तार से जानते हैं इस साल गणेश विसर्जन के लिए कौन-कौन से समय सबसे शुभ हैं, और किन रीति-रिवाजों का पालन करके बप्पा का आशीर्वाद अधिकतम रूप से प्राप्त किया जा सकता है।
शुभ मुहूर्त में गणपति विसर्जन
शास्त्रों के अनुसार, देव पूजा, प्रतिष्ठा और विसर्जन जैसे धार्मिक कर्म शुभ मुहूर्त में किए जाने पर ही पूर्ण फल प्रदान करते हैं। शुभ मुहूर्त में किए गए सभी कर्मों से न केवल व्यक्ति के दोष क्षीण होते हैं, बल्कि भगवान गणेश का आशीर्वाद भी मिलता है। इस समय ग्रहों की सकारात्मक ऊर्जा अत्यधिक प्रबल रहती है, जिससे पूजा और विसर्जन का पुण्य कई गुना बढ़ जाता है। भगवान गणेश स्वयं विघ्नहर्ता हैं, इसलिए उनके विसर्जन को अशुभ समय में करना उचित नहीं माना जाता। जब गणपति का विसर्जन शुभ मुहूर्त में किया जाता है, तो यह न केवल व्यक्तिगत जीवन बल्कि पूरे परिवार और समाज के लिए सुख-शांति, समृद्धि और सौभाग्य लेकर आता है। इसी कारण हर वर्ष अनंत चतुर्दशी पर प्रतिमाओं का विसर्जन निश्चित शुभ समय में करना अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है।
गणेश विसर्जन का शुभ मुहूर्त 2025
- सुबह का मुहूर्त – 07:36 से 09:10 तक
- दोपहर का मुहूर्त – 12:19 से 05:02 तक
- शाम का मुहूर्त – 06:37 से 08:02 तक