Ganesh Chaturthi 2025: गणेश चतुर्थी का त्योहार पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है। घर-घर में बप्पा की स्थापना होती है और भक्त पूरे मन से उनकी पूजा करते हैं। लेकिन कई बार हम अनजाने में ऐसी गलतियां कर बैठते हैं, जिससे पूजा का पूरा फल नहीं मिल पाता। वास्तु और शास्त्रों में कुछ खास नियम बताए गए हैं, जिन्हें मानना बहुत जरूरी है। आइए जानते हैं कि गणपति स्थापना और पूजा करते वक्त किन बातों का खास ध्यान रखना चाहिए।
गलत दिशा में मूर्ति ना रखें
गणेश जी की मूर्ति हमेशा उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा में रखनी चाहिए। दक्षिण दिशा में मूर्ति रखना अशुभ माना जाता है। सही दिशा से घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है और पूजा का फल भी बढ़ता है।
टूटी मूर्ति की पूजा न करें
गणपति की टूटी या खंडित मूर्ति कभी घर में न रखें और न ही उनकी पूजा करें। ऐसी मूर्तियां नेगेटिव एनर्जी को आकर्षित करती हैं। हमेशा सुंदर और पूरी तरह सही मूर्ति ही स्थापना के लिए चुनें।
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चंद्रमा का दर्शन न करें
गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा देखना वर्जित माना गया है। कहा जाता है कि ऐसा करने से मिथ्या दोष लगता है। अगर गलती से चंद्रमा दिख जाए तो “ॐ गं गणपतये नमः” मंत्र का जाप करना चाहिए।
गलत प्रसाद का भोग न लगाएं
गणेश जी को सात्विक भोजन ही प्रिय है। उन्हें कभी भी मांस, मछली या प्याज-लहसुन वाला भोजन न चढ़ाएं। गणपति को मोदक, लड्डू और फल सबसे प्रिय हैं। ध्यान रहे, तुलसी पत्र का भोग भी गणेश जी को नहीं लगाया जाता।
पूजा स्थल साफ रखें
पूजा करने से पहले स्थान को गंगाजल से शुद्ध करें और साफ-सफाई का ध्यान रखें। गंदगी या अव्यवस्था से नेगेटिव एनर्जी आती है। फूल, दीपक और धूपबत्ती सही तरह से सजाएं, तभी पूजा का असर बढ़ेगा।
बेडरूम में मूर्ति न रखें
गणेश जी की मूर्ति कभी बेडरूम में न रखें। इससे तनाव और अशांति बढ़ सकती है। मूर्ति को पूजा घर, हॉल या मुख्य द्वार के पास स्थापित करना शुभ माना जाता है।
गलत समय पर पूजा न करें
गणपति की स्थापना और पूजा हमेशा शुभ मुहूर्त में ही करनी चाहिए। सुबह या पंचांग के अनुसार तय समय सबसे उत्तम है। रात के समय पूजा करने से बचना चाहिए।
विसर्जन सम्मानपूर्वक करें
गणेश चतुर्थी के बाद बप्पा का विसर्जन बड़े ही सम्मान के साथ करना चाहिए। मूर्ति को कूड़े में न फेंकें, बल्कि नदी, तालाब या मंदिर में विसर्जित करें। विसर्जन करते समय “ॐ गं गणपतये नमः” का जाप करें।

