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Dussehra 2025: कब किया जायेगा रावण दहन? यहां जाने क्या दी थी रावण ने लक्ष्मण को 3 सीख

Dussehra 2025: दशहरा के दिन ही श्रीराम ने लंका के राजा रावण का वध किया था और मां दुर्गा ने महिषासुर का संहार भी किया था, इसलिए भी इस दिन को विजयदशमी के रुप में मनाया जाता है. यह त्योहार को पूरे देशभर में बुराई पर अच्छाई की जीत के तौर पर मनाया जाता हैं. चलिए जानते हैं यहां रावण के जीवन से जुड़ी कुछ सीख के बारे में

By: chhaya sharma | Published: September 29, 2025 8:00:28 AM IST



Dussehra 2025: दशहरा के त्योहार हर साल आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि पर आता है और इस साल आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि  01 अक्टूबर को शाम 07 बजकर 02 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, दशमी तिथि का समापन 02 अक्टूबर को शाम 07 बजकर 10 मिनट पर होगा। उदया तिथि के अनुसार दशहरा का त्योहार इस साल 2 अक्टूबर को मनाया जाएगा. दशहरा के दिन ही श्रीराम ने लंका के राजा रावण का वध करके अन्याय पर न्याय की स्थापना की थी. इसके अलावा इस दिन मां दुर्गा ने महिषासुर का संहार भी किया था, इसलिए भी इसे विजयदशमी के रुप में मनाया जाता है. इसलिए इस त्योहार को पूरे देशभर में बुराई पर अच्छाई की जीत के तौर पर मनाया जाता हैं.

बहुत बड़ा विद्वान भी था रावण

सभी ने रामायण को किसी ना किसी रुप में सुनी है, देखी है और पढ़ी है, जिसमें बताया गया है कि चाहे असत्य और बुरी ताकतें कितनी भी ज्यादा हो, लेकिन अच्छाई के सामने उनका वजूद कभी ना कभी मिट ही जाता है. रावण सिर्फ एक व्यक्ति नहीं, बल्कि तमाम बुराइयों का प्रतीक है, इसी वजह से हर दशहरा  पुतले का दहन वध किया जाता है. क्योंकि आज के दौर में हमारे समाज में तमाम बुराइयां हैं, जिनका वध बहुत जरूरी है. लेकिन रावण बहुत बड़ा विद्वान भी था. जिसकी वजह से रावण दहन से पहले उसकी पूजा की जाती है, तो चलिए जानते हैं रावण के जीवन से जुड़ी सीख के बारे में

रावण की जीवन से जुड़ी सीख 

रामायण के अनुसार जब रावण अंतिम सांसे ले रहा था , तो राम ने लक्ष्मण को अपने पास बुलाया और कहा कि, रावण नीति, राजनीति और शक्ति का महान ज्ञाता है और जब वह संसार से विदा ले रहा है, तुम उसके पास जाकर जीवन की कुछ शिक्षा लेनी चाहिए. राम की बात मानकर जब लक्ष्मण रावण के पास गए, तो रावण ने उन्हें तीन बातें बताईं थी.

शुभस्य शीघ्रम  

रावण ने लक्ष्मण को शिक्षा देते हुए कहा  शुभ कार्य करने में कभी भी देरी नहीं करनी चाहिए. अगर किसी शुभ कार्य का चिंतन हो या मन में विचार आए, उसे तुरंत कर डालना चाहिए. 

शत्रु छोटा नहीं 

रावण ने लक्ष्मण दूसरी सीख देते हुए कहा, कभी भी अपने प्रतिद्वंद्वी या शत्रु को खुद से छोटा या कमतर न समझें, जो उसके जीवन की सबसे बड़ी भूल थी, जैसे वानर और भालू सेना को कम आंकाना और अपना सब नष्ट कर बैठा.

रहस्य न बताओ 

रावण ने लक्ष्मण तीसरा ज्ञान देते हुए कहा जीवन में अपने रहस्य कभी किसी को न बताना चाहिए. रावण ने कहा अगर मैं मेरी मृत्यु से जुड़ा रहस्य  किसी को नहीं बताता तो आज मेरी मृत्यु नहीं होती. लेकिन मैंने यह रहस्य अपने भाई को बताया और उस पर भरोसा किया 

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