Sandhya Arghya Dos and Donts: छठ पूजा सूर्य देव और छठी मैया को समर्पित है. ये आस्था और पवित्रता का प्रतीक माना जाता है. आज इस चार दिवसीस महापर्व का तीसरा दिन है जिसे संध्या अर्घ्य के रूप मं जाना जाता है. संध्या अर्घ्य के समय भूलकर भी ये 5 भूलकर भी न करें.
संध्या अर्घ्य के समय न करें ये पांच काम (Sandhya Arghya Dos)
तीसरे दिन संध्या अर्घ्य के दिन व्रतियों को सूर्योदय से लेकर अगले दिन सूर्योदय तक निर्जला उपवास रखना चाहिए.
अगर आपका व्रत नहीं है, तो प्रसाद बनाते समय या अर्घ्य का सूप हाथ धोए बिना उसे नहीं छूना चाहिए.
अपवित्र होकर प्रसाद बनाने की गलती न करें. पूजा की सामग्री भी नहीं छूनी चाहिए.
छठ पूजा के समय चप्पल नहीं पहननी चाहिए.
संध्या अर्घ्य के दिन क्रोध न करें और किसी से भी तेज आवाज़ में बात न करें
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संध्या अर्घ्य में क्या करें? (Sandhya Arghya Dos)
सूर्यास्त का समय ध्यान में रखते हुए, सभी तैयारियों को पूरा करें. किसी पवित्र नदी या घर पर बनाए गए जलकुंड पर सूर्यास्त के समय पहुंच जाएं. व्रतियों को शुद्ध और पारंपरिक वस्त्र पहनकर पूजा करनी चाहिए. अर्घ्य के दौरान व्रती को पवित्रता रखनी चाहिए. व्रती को सूप को अपने हाथों में लेकर, या किसी की मदद से दूध और गंगाजल का अर्घ्य देना चाहिए. अर्घ्य देते समय सूप पर घी का दीपक जलाना चाहिए.

