Categories: धर्म

Bhojeshwar Mahadev Mandir: मध्यप्रदेश में बसा है विश्व का सबसे बड़ा शिवलिंग? जानें इससे जुड़ी रहस्मयी बातें

Bhojeshwar Mahadev Mandir Interesting Facts: विश्व का सबसे प्राचीन और विशाल शिव मंदिर मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से करीब 30 किलोमीटर दूर भोजपुर गांव में स्थित है। जानतें हैं इसकी रहस्मयी कहानी के बारे में।

Published by Shivi Bajpai

Bhojeshwar Mahadev Mandir Facts: मध्य प्रदेश(Madhya Pradesh) की राजधानी भोपाल(Bhopal) से करीब 30 किलोमीटर भोजपुर(Bhojpur) नामक गांव में भोजेश्वर महादेव मंदिर भगवान शिव (God Shiv) को समर्पित एक हज़ार साल पुराना मंदिर है। यह मंदिर बेतवा नदी के किनारे स्थित है। इसमें वास्तुकला की भव्यता और इसका ऐतिहासिक महत्व आज भी आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। भोजपुर में राजा भोज (Raja Bhoj) के संरक्षण में 11वीं शताब्दी के दौरान निर्मित यह मंदिर भारत में परमार काल के दौरान मंदिर वास्तुकला के शिखर का प्रतिनिधित्व करता है। यह एक जीवंत मंदिर है जहाँ भक्त साल भर कई मौकों पर अपनी प्रार्थनाएँ करने के लिए एकत्रित होते हैं। यह मंदिर अपनी प्राचीनता और विशालता के लिए प्रसिद्ध है।

भोजेश्वर महादेव मंदिर को सोमनाथ ऑफ द ईस्ट (Somnath of the East) भी कहा जाता है यानि की पूर्व के सोमनाथ मंदिर के नाम से यह प्रसिद्ध है। परंतु इस मंदिर का निर्माण आज भी अधूरा है। जिसके कारण आज भी लोग इसे अधूरे शिव मंदिर के नाम से भी जानते हैं। स्थानीय किंवदंतियों के अनुसार राजा भोज ने एक गंभीर बीमारी से ठीक होने के बाद दुनिया के सबसे बड़े शिवलिंग की स्थापना के उद्देश्य से एक मंदिर के निर्माण की प्रक्रिया शुरू की थी। उनके प्रयासों के बावजूद मंदिर आज भी अधूरा है।

भोजेश्वर महादेव मंदिर में स्थित है विशाल शिवलिंग:

मंदिर की भव्यता आज भी चर्चा का विषय बनी हुई है, यह शिवलिंग 7.5 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। मंदिर की विशालता के बारे में कहा जाता है की ये प्राचीन समय का सबसे बड़ा शिवलिंग है। यह मंदिर प्राचीन भारत के सामाजिक-सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और स्थापत्य संबंधी पहलुओं के बारे में जानकारी प्रदान करता है। भोजेश्वर महादेव मंदिर असाधारण स्थापत्य रचनात्मकता और भव्यता का उदाहरण है। इसका विशाल आकार, विशाल लिंगम और जटिल नक्काशीदार तत्व परमार वंश की कलात्मक और इंजीनियरिंग कौशल को प्रदर्शित करते हैं। पूजा और अनुष्ठान के लिए हर साल हजारों की संख्या में भक्त महाशिवरात्रि के दिन मंदिर में दर्शन करने आते हैं।

Related Post

Pitru Paksh 2025: पितृ पक्ष पर क्यों नहीं खरीदना चाहिए कोई नया सामान? जानें इसकी वजह

मंदिर में शिवलिंग का अभिषेक अलग तरह से होता है:

इस मंदिर में स्थित शिवलिंग की विशालता के कारण यहां पर पुजारी को स्वयं सीढ़ी लगाकर ऊपर जाना होता है. यह मंदिर चार बड़े स्तंभों पर टिका हुआ है। फिर वह शिवलिंग का अभिषेक करते हैं।

Triple Nine Mystery 9 September 2025: जाने क्या है 9/9/9 का रहस्य और महत्व? करियर, व्यापार और लव लाइफ को सफल बनाने के लिए करें ये खास उपाय

आखिर क्यों है आज भी विश्व का सबसे प्राचीन शिव मंदिर अधूरा?

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस मंदिर को एक ही रात में बनाना था, जिसके कारण सूर्योदय तक इस मंदिर का निर्माण पूरा नहीं हो पाया था। इसके बाद आज तक यह मंदिर अधूरा है। जानकारी के अनुसार, सूर्योदय तक सिर्फ इसके ऊपर के गुंबद का काम ही पूरा हो पाया और उसके बाद से यह मंदिर अधूरा ही रह गया है।

Shivi Bajpai

Recent Posts

The Girlfriend Movie OTT Release: कॉलेज लाइफ शुरू करने से पहले ज़रूर देखें ये फ़िल्म! वरना कर सकते हैं बहुत बड़ी गलती

कॉलेज लाइफ में कदम रखने वाले स्टूडेंट्स के लिए एक ज़रूरी फ़िल्म ‘The Girlfriend’. प्यार,…

December 5, 2025

भगवान का पैसा खाकर मोटे हो रहे थे बैंक? सुप्रीम कोर्ट ने मारा करारा तमाचा! जानिए क्या है पूरा मामला

सुप्रीम कोर्ट ने साफ कह दिया कि मंदिर का पैसा सिर्फ देवता का है. जिसके…

December 5, 2025

World Dirtiest Cities: तेल, धुआं और गंदगी…ये हैं दुनिया के 5 सबसे गंदे शहर! लिस्ट में टॉप पर है इस देश की राजधानी

World Pollution Ranking Cities: इन शहरों में प्रशासन की उदासीनता, औद्योगिक कचरे का गलत प्रबंधन…

December 5, 2025