Bhai Dooj 2025 Rahu Kaal ka Samay: हर साल कार्तिक माह में शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि पर भाई दूज का त्योहार मनाया जाता है. जिसे कई जगहों पर यम द्वितीया या भ्रातृ द्वितीया भी कहा जाता है. साल 2025 में भाई दूज का त्योहार 23 अक्टूबर के दिन मनाया जायेगा. भाई दूज का त्योहार भाई-बहन के अटूट प्रेम, स्नेह और आपसी विश्वास का प्रतीक माना जाता है. इस दिन बहने अपने भाईयों के माथे पर तिलक करती है. उन्हें गोला देती है और उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं.
शुभ मुहूर्त क्यों किया जाता है कार्य
कहा जाता है कि कार्य वो ही सफल होता है, जिसे शुभ मुहूर्त में किया जाए. शुभ मुहूर्त में किए गए कार्यो में सफलता के साथ-साथ समृद्धि और शांति भी प्राप्त होती है. माना जाता है कि ब्रह्मांडीय ऊर्जा और ग्रहों की स्थिति अनुकूल होने से ही शुभ मुहूर्त बनता है और यह ज्योतिषीय गणनाओं (तिथि, नक्षत्र, ग्रह) पर आधारित होता है और इसे जीवन को सही दिशा देने का एक साधन माना जाता है. शुभ मुहूर्त में किए गए कार्यो में नकारात्मक प्रभाव कम पड़ता है और जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं (जैसे विवाह, गृह प्रवेश) को बिना किसी बाधा के संपन्न हो जाती है. ऐसे में भाई दूज के दिन बहने अपने भाईयों को शुभ मुहूर्त के दिन ही तिलक करें और गोला दें.
राहुकाल में क्यों नहीं करते कोई कार्य
राहुकाल को अशुभ समय माना जाता है, जो प्रत्येक दिन एक निश्चित अवधि के लिए आता है और इस दौरान कोई भी शुभ कार्य (जैसे शादी, गृह प्रवेश, नया व्यवसाय शुरू करना, या महत्वपूर्ण यात्रा) नहीं किया जाता है, क्योंकि कहा जाता है कि राहुकाल में शुरू किए गए कार्यों में बाधाएं, असफलताएं और नकारात्मक परिणाम आते हैं. इसे ज्योतिष में राहु (एक छाया ग्रह) के नकारात्मक प्रभाव के कारण अशुभ माना जाता है और इसके अशुभ प्रभाव से बचने के लिए लोग इस समय कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है और किसी शुभ अवसर पर इस बात का ध्यान जरूर दिया जाता है कि कोई शुभ कार्य कर रहे हैं, तो इस दौरान राहुकाल का समय तो नहीं चल रहा हैं. ऐसे में भाई दूज के दिन बहने अपने भाई को इस दौरान गलती से भी तिलक न करें.
भाई दूज के दिन तिलक करने का शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, द्वितीया तिथि 22 अक्तूबर को रात 08 बजकर 16 मिनट पर शुरू होगी और 23 अक्तूबर को रात 10 बजकर 46 मिनट पर समाप्त होगी.
- 23 अक्तूबर भाई दूज को तिलक करने का ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04:45 बजे से सुबह 05:36 बजे तक रहेगा.
- भाई दूज पर तिलक करने का अभिजित मुहूर्त सुबह 11 बजकर 43 मिनट से दोपहर 12 बजकर 28 मिनट तक रहेगा.
- विजय मुहूर्त दोपहर 01 बजकर 58 मिनट से दोपहर 02 बजकर 43 मिनट तक रहेगा. भाई दूज अपराह्न समय दोपहर 01 बजकर 13 मिनट से दोपहर 03 बजकर 28 मिनट तक रहेगा.
भाई दूज के दिन राहुकाल का समय
राहुकाल के दौरान भाई को तिलक लगाना, कोई नया शुभ कार्य, मांगलिक कार्य (जैसे विवाह, गृह प्रवेश), यात्रा शुरू करना, कोई भी महत्वपूर्ण निर्णय लेने या खरीदने-बेचने (विशेषकर वाहन और कीमती सामान) से बचना चाहिए, क्योंकि इसे एक अशुभ समय माना जाता है. भाई दूज के दिन राहुकाल का समय दोपहर 1:30 बजे से 3:00 बजे तक रहेगा. आप राहुकाल के अलावा दिन में किसी भी समय भाई को तिलक लगा सकती हैं, जब तक कि द्वितीया तिथि समाप्त न हो जाए.
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