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जानिए क्यों फ्लश में होते हैं दो बटन, क्या है छोटे और बड़े बटन का इस्तेमाल?

फ्लश टॉयलेट में दो बटन क्यों होते हैं? जरूरत के अनुसार पानी का इस्तेमाल. यह सिस्टम पानी बचाता है, टॉयलेट साफ रखता है और पर्यावरण को सुरक्षित बनाता है. छोटे कदम से बड़ी बचत संभव है.

By: Team InKhabar | Last Updated: November 8, 2025 6:04:42 PM IST



आजकल अधिकतर फ्लश टॉयलेट्स में दो बटन देखे जाते हैं. कई लोग सोचते हैं कि यह सिर्फ डिज़ाइन है, लेकिन इसका मकसद पानी बचाना और टॉयलेट को साफ रखना है. इसे “ड्यूल फ्लश सिस्टम” कहते हैं.

दो बटन का मतलब क्या है?

दो बटन में से एक छोटा और दूसरा बड़ा होता है.
छोटा बटन (लाइट फ्लश): हल्की गंदगी या पेशाब के लिए. लगभग 3–4 लीटर पानी इस्तेमाल करता है.
बड़ा बटन (फुल फ्लश): ठोस मल या ज्यादा गंदगी के लिए. लगभग 6–9 लीटर पानी इस्तेमाल होता है.
इस तरह जरूरत के अनुसार पानी का उपयोग किया जा सकता है.

पानी की बचत

ड्यूल फ्लश सिस्टम का सबसे बड़ा फायदा है पानी की बचत. आज हमारे देश में पानी की कमी बढ़ रही है. अगर हर टॉयलेट में छोटा फ्लश इस्तेमाल किया जाए तो महीने में कई हज़ार लीटर पानी बच सकता है. यह न केवल हमारे घर में बल्कि पूरे पर्यावरण के लिए भी मददगार है.

साफ-सफाई और हाइजीन

दो बटन वाला फ्लश टॉयलेट को हमेशा साफ रखने में भी मदद करता है. फ्लश की मात्रा नियंत्रित होने से पाइपलाइन में जाम कम होता है और टॉयलेट ज्यादा गंदा नहीं होता.

पर्यावरण के लिए अच्छा

पानी की बर्बादी कम होने से जल संसाधनों पर दबाव घटता है. साथ ही पानी को ट्रीटमेंट और पाइपलाइन के माध्यम से लाने में भी ऊर्जा बचती है. इस तरह फ्लश सिस्टम छोटे कदम से बड़ा फायदा देता है.

आसान और स्मार्ट इस्तेमाल

छोटा फ्लश का बटन अक्सर बड़ा और आसान दबाने वाला होता है, जबकि बड़ा फ्लश का बटन अलग रंग या छोटा होता है. इससे यूज़र गलती से ज्यादा पानी खर्च नहीं करता. ड्यूल फ्लश सिस्टम सिर्फ सुविधा नहीं है, बल्कि यह पानी की बचत साफ-सफाई और पर्यावरण सुरक्षा का उपाय है. दो बटन वाला फ्लश टॉयलेट को स्मार्ट, हाइजीनिक और पर्यावरण-फ्रेंडली बनाता है. छोटे कदम से बड़ी बचत संभव है.

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