Home > अजब गजब न्यूज > दिल्ली के डॉक्टरों ने किया चमत्कार; मृत शरीर में फिर से दौड़ा खून

दिल्ली के डॉक्टरों ने किया चमत्कार; मृत शरीर में फिर से दौड़ा खून

Delhi News: दिल्ली के मणिपाल अस्पताल के डॉक्टरों ने एशिया में पहली बार मृत महिला के अंगों में NRP तकनीक से रक्त प्रवाह पुनः सक्रिय किया. इससे उनके अंगों को सुरक्षित रूप से दान किया गया और तीन मरीजों को नई जिंदगी मिली.

By: Team InKhabar | Last Updated: November 9, 2025 6:21:56 PM IST



Delhi News: दिल्ली के डॉक्टरों ने चिकित्सा जगत में एक अनोखी उपलब्धि दर्ज की है. द्वारका स्थित HCMCT मणिपाल अस्पताल के विशेषज्ञों ने 55 वर्षीय महिला की मृत्यु के बाद उसके अंगों के रक्त प्रवाह को फिर से सक्रिय किया. इसका मकसद उनके अंगों को सुरक्षित रूप से दान के लिए तैयार करना था. एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार यह पहला मामला है जिसमें नॉर्मोथर्मिक रीजनल परफ्यूजन (NRP) तकनीक का इस्तेमाल किया गया. डॉक्टरों ने ECMO मशीन की मदद से मृत महिला के पेट के अंगों लिवर और किडनी में कुछ समय तक रक्त संचार बनाए रखा.

गीता चावला मोटर न्यूरॉन रोग से पीड़ित थीं 

मौत के समय महिला गीता चावला मोटर न्यूरॉन रोग से पीड़ित थीं और लंबे समय से पैरालाइज्ड थीं. 5 नवंबर को सांस लेने में तकलीफ के कारण उन्हें अस्पताल लाया गया. परिवार ने लाइफ सपोर्ट बंद करने का निर्णय लिया और 6 नवंबर की रात 8:43 बजे उन्हें मृत घोषित किया गया. जीवन में उनकी इच्छा रही थी कि उनके अंग दान किए जाएं. डॉक्टरों ने परिवार की इस भावना का सम्मान करते हुए प्रोसीजर शुरू किया.

डॉ. श्रीकांत श्रीनिवासन ने क्या बताया?

डॉ. श्रीकांत श्रीनिवासन मणिपाल इंस्टीट्यूट ऑफ क्रिटिकल केयर मेडिसिन के चेयरमैन ने बताया कि आमतौर पर अंगदान ब्रेन डेथ के बाद ही संभव होता है, जब दिल अभी भी धड़क रहा होता है. लेकिन इस मामले में सर्कुलेटरी डेथ (DCD) के बाद अंगदान किया गया, यानी दिल बंद होने के बाद. ऐसे में समय बेहद महत्वपूर्ण होता है और NRP तकनीक ने अंगों को सुरक्षित निकालने में मदद की.

अंगों को दान किया

इस प्रक्रिया के बाद NOTTO ने तुरंत अंगों को ट्रांसप्लांट के लिए अलॉट किया. गीता चावला का लिवर ILBS में 48 वर्षीय मरीज को दिया गया, जबकि उनकी दोनों किडनियां मैक्स हॉस्पिटल साकेत में 63 और 58 वर्षीय मरीजों को ट्रांसप्लांट की गईं. इसके अलावा उनकी कॉर्निया और त्वचा भी दान की गई, जिससे कई अन्य मरीजों को नई जिंदगी मिली.

Advertisement