Kajol: कई लोग अपने बैग में कुछ न कुछ खाने के लिए रखते हैं. किसी के लिए ये खट्टे कैंडी, ड्राई फ्रूट्स, फल या चिप्स हो सकते हैं, लेकिन काजोल के लिए ये काला नमक है. ‘मुझे काला नमक साथ रखना बहुत पसंद है. ये मेरे साथ हमेशा रहता है, काजोल ने एक इंटरव्यू में बताया.
काजोल बताती हैं कि यात्रा के दौरान वो अक्सर काला नमक का इस्तेमाल करती हैं. ‘कभी-कभी खाना इतना नमकीन नहीं लगता. काला नमक में ऐसा स्वाद है जो सामान्य नमक में नहीं होता. इसे चिप्स पर डाल सकते हैं, या किसी भी पसंदीदा खाने पर इस्तेमाल कर सकते हैं. ये आदत छोटी लग सकती है, लेकिन कई लोगों के लिए ये बहुत ही प्रैक्टिकल और सहज है.
स्वास्थ्य विशेषज्ञ की सलाह
अदिति प्रसाद आप्टे, सीनियर क्लिनिकल न्यूट्रिशनिस्ट, के अनुसार काला नमक लंबे समय से यात्रा के दौरान होने वाली छोटी असुविधाओं के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा है. लेकिन इसका सही इस्तेमाल जरूरी है. आप्टे का कहना है कि काला नमक खाना पकाने के बाद या परोसने से पहले ही डालना चाहिए, ताकि इसका स्वाद और खुशबू सही तरीके से महसूस हो. सबसे पहले एक बहुत छोटा चुटकी डालें, चखें और फिर जरूरत हो तो और डालें. इसे एयरटाइट कंटेनर में रखना जरूरी है ताकि इसकी गुणवत्ता बनी रहे.
ज्यादा इस्तेमाल से बचें
काला नमक खाने की इच्छा आमतौर पर किसी गंभीर पोषण कमी का संकेत नहीं देती. लेकिन यात्रा के दौरान इसका बार-बार इस्तेमाल डिहाइड्रेशन, इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी, तनाव या पाचन असुविधा का संकेत हो सकता है. अधिक मात्रा में इस्तेमाल से नुकसान भी हो सकता है. अधिक सोडियम से पेट फूलना, पानी जमा होना, उच्च रक्तचाप या एसिडिटी जैसी समस्याएं हो सकती हैं, खासकर जब पानी कम पिया जाए.
स्वाद और संतुलन का संतुलित मेल
काजोल के लिए काला नमक स्वाद और परिचितता का अनुभव है. न्यूट्रिशनिस्ट्स के लिए यह संतुलन का सवाल है. काला नमक तब सबसे अच्छा काम करता है जब इसे सोच-समझकर, थोड़ी मात्रा में इस्तेमाल किया जाए इतना कि स्वाद और पेट दोनों को आराम मिले.