Rituals: हिंदू धर्म में मंदिर को पवित्र स्थान माना जाता है. मंदिर में प्रवेश से पहले अपने हाथ और पैर को धोकर ही प्रवेश किया जाता है. ऐसा मुख्य रूप से दो वजह के कारण किया जाता है. पहली वजह है कि हम बाहर की गंदगी को मंदिर के परिसर के अंदर ना लेकर जाएं तो वहीं दूसरी ओर हम गंदे और अशुद्ध हाथों से भगवान का स्पर्श ना करें.
मंदिर में प्रवेश से पहले क्यों धोते हैं हाथ-पैर?
मंदिर एक ऐसी जगह है जहां हम जाकर भगवान की आराधना करते हैं. अपने मन और आत्मा को शुद्ध करते हैं तो ऐसी जगह पर गंदी के साथ जाना अपवित्र माना जा सकता है. मंदिर पवित्रता, सकारात्मकता और स्वच्छता का प्रतीक है, इसीलिए मंदिर में जाने से पहले घर से नहाकर जाया जाता है और वहां पहुंच कर अपने हाथों और पैरों को भी बाहर धुलकर जाया जाता है ताकि पवित्र स्थानों की सकारात्मक ऊर्जा बरकार रहें.
साथ ही मंदिर जो एक पवित्र स्थान वहां हम ईश्वर से प्रार्थना और ईश्वर के प्रति सम्मान व्यक्त करने करने के लिए जाते हैं. इसीलिए यह प्राचीन काल से चली आ रही एक परंपरा है.
भोजन से पहले क्यों धोते हैं हाथ और पैर?
वहीं अगर हम भोजन करने की बात करें, तो आज भी कई घरों में भोजन करने से पहले हाथ-पैर और मुंह को धोकर ही खाना खाया जाता है. पहले के समय की बात करें तो लोग स्नान या नहाने के बाद ही अपना भोजन ग्रहण करते थे. ऐसा इसीलिए होता है क्योंकि हम जब ही बाहर से आते हैं हमारे शरीर पर अनेक प्रकार की अशुद्धियां, धूल, मिट्टी होती है जो नहाने के बाद ही शरीर से दूर होती हैं. इसीलिए हमें अपने आप को शारीरिक रूप से स्वच्छ होकर ही भोजन ग्रहण करना चाहिए.
भोजन से पहले हाथ-पैर धोने से शरीर स्वच्छ रहता है, जो अच्छे स्वास्थ्य और पाचन के लिए जरूरी है. यह फंगल इन्फेक्शन जैसी समस्याओं से भी बचाता है.