Christmas celebration Ban in 5 Countries: दिसंबर बहुत खास महीना होता है. इसे क्रिसमस और नए साल दोनों के जश्न के लिए खास माना जाता है. यह त्योहार ईसाई समुदाय के लिए बहुत खास है. इसे बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. इसे न सिर्फ देश में बल्कि पूरी दुनिया में मनाया जाता है. हालांकि कुछ ऐसे देश भी है जहां क्रिसमस मनाने पर बैन है.
सऊदी अरब में क्रिसमस पर बैन
सऊदी अरब में इस्लामिक मान्यताओं के कारण ऐतिहासिक रूप से क्रिसमस के सार्वजनिक प्रदर्शन पर रोक लगाई गई है. हाल के सालों में इन पाबंदियों में कुछ ढील दी गई है. हालांकि क्रिसमस का सार्वजनिक जश्न अभी भी कानूनी नहीं है. लोग यहां सार्वजनिक रूप से क्रिसमस नहीं मनाते है. हालांकि बदलते नियमों में बदलाव देखे जा रहे है.
ताजिकिस्तान में सांता से जुड़े कार्यक्रमों पर पाबंदी
ताजिकिस्तान विदेशी सांस्कृतिक और धार्मिक प्रभाव को कम करने के लिए सार्वजनिक क्रिसमस समारोहों को हतोत्साहित करता है. क्रिसमस ट्री सजाने और सांता क्लॉज से जुड़े कार्यक्रमों पर भी यहां बैन है. जश्न पूरी तरह से बैन नहीं है, लेकिन विदेशी सांस्कृतिक और धार्मिक प्रभाव को सीमित करने के लिए उन्हें बढ़ावा नहीं दिया जाता है.
सोमालिया में क्रिसमस नहीं मनाया जाता है
सोमालिया में ज़्यादातर मुस्लिम आबादी है. इस्लामिक कानून और चरमपंथियों के कारण सरकार ने क्रिसमस पर पूरी तरह से बैन लगा दिया है. यह बैन इस्लामिक परंपराओं को बनाए रखने और चरमपंथी समूहों की मौजूदगी से पैदा होने वाली गंभीर सुरक्षा चिंताओं के कारण लगाया गया है.
ब्रुनेई में क्रिसमस का सार्वजनिक प्रदर्शन मना है
दक्षिण पूर्व एशिया में बोर्नियो द्वीप पर स्थित देश ब्रुनेई में क्रिसमस मनाना मना है. यहां के लोग शरिया कानून का सख्ती से पालन करते है. इस कानून के तहत क्रिसमस के सार्वजनिक समारोहों पर सख्ती से कंट्रोल किया जाता है. गैर-मुसलमानों को निजी तौर पर जश्न मनाने की इजाजत है. लेकिन वे इसे सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित नहीं कर सकते है.
उत्तर कोरिया में क्रिसमस मनाने पर सज़ा
उत्तर कोरिया में क्रिसमस मनाना बैन है. यहां प्रचलित तानाशाही विचारधारा के कारण क्रिसमस जैसे धार्मिक त्योहारों को कोई महत्व नहीं दिया जाता है. धार्मिक अभिव्यक्ति को किम राजवंश के लिए खतरा माना जाता है. नतीजतन उत्तर कोरिया में सभी प्रकार की धार्मिक अभिव्यक्तियों को दबा दिया जाता है. क्रिसमस मनाने पर जेल सहित कड़ी सज़ा हो सकती है. यहां के लोग केवल राज्य-नियंत्रित राष्ट्रीय कैलेंडर द्वारा तय त्योहारों को ही मनाते है.

