रांची, झारखण्ड से मनीष मेहता की रिपोर्ट
Jharkhand: रांची इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरो साइकेट्री एंड एलाइड साइंसेज़ (रिनपास) के सौ साल पूरे होने पर गुरुवार को भव्य शताब्दी समारोह का आगाज़ हुआ। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया और रिनपास की टेली-मेंटल हेल्थ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सेवा और डिजिटल अकादमी की शुरुआत की। इस मौके पर रिनपास पर आधारित पोस्टल स्टाम्प, स्मारिका और चार पुस्तकों का भी विमोचन किया गया।
“रिनपास को देंगे नई पहचान”
सीएम ने कहा– “मानसिक स्वास्थ्य आज दुनिया की बड़ी चुनौती है। रिनपास में जल्द बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। यहाँ की आधारभूत संरचना और शैक्षणिक व्यवस्था को दुरुस्त किया जाएगा और इलाज को और आधुनिक बनाया जाएगा।”
उन्होंने कहा कि सरकार इस संस्थान की सभी कमियों की समीक्षा कर उन्हें दूर करेगी ताकि यहाँ आने वाला हर मरीज पूरी तरह स्वस्थ होकर लौटे।
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“तकनीक से आसान होगा इलाज”
मुख्यमंत्री ने कहा कि मानसिक रोगियों के इलाज में अत्याधुनिक तकनीकों का अधिक से अधिक इस्तेमाल ज़रूरी है। डिजिटल हेल्थ सेवाओं से अब गाँव–गाँव तक काउंसलिंग और इलाज पहुँचेगा। उन्होंने चिंता जताई कि कई परिजन मरीजों को यहाँ छोड़कर कभी लेने नहीं आते, जो बेहद अमानवीय है। ऐसे मरीजों तक संवेदनशीलता के साथ इलाज पहुँचाना सरकार की प्राथमिकता होगी।
100 साल पहले रखी गई थी दूरदर्शी नींव
सीएम ने कहा– “1925 में इस संस्थान की नींव रखने वाले लोग कितने दूरदर्शी रहे होंगे, इसका अंदाज़ा आज से लगाया जा सकता है। रिनपास ने 100 वर्षों तक सेवा, समर्पण और विश्वास का जो सिलसिला कायम रखा है, उसे और मज़बूत किया जाएगा।”
समारोह के खास कार्यक्रम
रिनपास पर आधारित पोस्टल स्टाम्प जारी किया गया है । स्मारिका और 4 पुस्तकों का विमोचन किया गया है। टेली-मेंटल हेल्थ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सेवा की शुरुआत कर दी गई है और कई पूर्व निदेशकों और फैकल्टी मेंबर्स को सम्मानित किया गया है।
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कार्यक्रम में केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी, विधायक राजेश कच्छप सहित कई गणमान्य मौजूद रहे।

