Bageshwar Dham:बागेश्वर धाम में मंगलवार तड़के धर्मशाला की दीवार गिरने से उत्तर प्रदेश की एक महिला श्रद्धालु की मौत हो गई और 11 लोग घायल हो गए। स्थानीय पुलिस और प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर घायलों को अस्पताल पहुंचाया और मामले की जांच शुरू कर दी है। इससे पहले 3 जुलाई को धाम परिसर में टेंट गिरने से एक बुजुर्ग की मौत हो गई थी। बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने सभी श्रद्धालुओं से गुरु पूर्णिमा पर घर पर रहने की अपील की है। घायलों के परिजनों ने बताई आपबीती घायलों के परिजनों ने बताया कि वे धर्मशाला में सो रहे थे, तभी अचानक दीवार गिरकर उनके ऊपर गिर गई।
दीवार गिरने के कारणों की जांच जारी
अधिकारियों ने बताया कि दीवार गिरने के कारणों की जांच की जा रही है। घायलों की हालत फिलहाल स्थिर है और उन्हें हर संभव उपचार दिया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि मृतक के परिजनों को सरकार की ओर से मुआवजा दिया जाएगा। कुछ दिन पहले भी गिरा था टेंट इससे पहले 3 जुलाई को बागेश्वर धाम परिसर में एक और दुखद घटना घटी थी। 3 जुलाई को सुबह करीब 7 बजे आरती के बाद बागेश्वर धाम परिसर में एक टेंट गिर गया। बारिश से बचने के लिए टेंट के नीचे खड़े एक बुजुर्ग के सिर पर लोहे का एंगल लगने से मौके पर ही मौत हो गई। इस घटना में मची भगदड़ में 8 लोग घायल भी हुए।
मृतक श्याम लाल कौशल के दामाद राजेश कुमार कौशल ने बताया था कि वह उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के मनकापुर गांव के रहने वाले हैं। उनकी ससुराल बस्ती जिले के चौरी सिकंदरपुर गांव में है। बुधवार रात परिवार के 6 लोग कार से बागेश्वर धाम आए थे। गुरुवार सुबह सभी तैयार होकर शास्त्री दर्शन करने पहुंचे। इसी दौरान उनके ससुर श्याम लाल कौशल (50) के सिर पर लोहे का एंगल लग गया। उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
20 लोग दबे थे
राजेश कुमार कौशल के साथ आए उनके पड़ोसी आर्यन कमलापुरी ने बताया था कि हम सभी स्टेज के पास खड़े थे, बारिश हो रही थी। वे पानी से बचने के लिए टेंट में आ गए। पानी भरने से टेंट गिर गया। इससे भगदड़ मच गई। टेंट के नीचे करीब 20 लोग दब गए। बमीठा थाना प्रभारी आशुतोष श्रोत्रिय ने कहा था कि मामले की जांच की जा रही है। धीरेंद्र शास्त्री ने भी दी थी सफाई धीरेंद्र शास्त्री का भी हादसे पर बयान सामने आया था। उन्होंने कहा था कि किसी ने गलत खबर फैला दी कि टीन शेड गिर गया है, इसीलिए सुबह से वह पोस्ट वायरल हो रही है। हमारे पंडाल से दूर, जहां पुराना दरबार लगता था, वहां बारिश के कारण पॉलीथिन का पंडाल लगा था। उसमें पानी भर गया और नीचे सो रहे उत्तर प्रदेश के व्यक्ति और अन्य श्रद्धालुओं पर गिर गया। एक सज्जन गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें इलाज के लिए जिला अस्पताल ले जाया गया। वहां उनकी मौत हो गई। बाकी लोगों को मामूली चोटें आईं। वे भी धाम लौट आए।