Home > देश > H-1B वीजा पर मंडराया संकट, हजारों NRI पर टूटा मुसीबतों का पहाड़; अमेरिकी दूतावास ने क्यों लिया ये फैसला?

H-1B वीजा पर मंडराया संकट, हजारों NRI पर टूटा मुसीबतों का पहाड़; अमेरिकी दूतावास ने क्यों लिया ये फैसला?

US H1-B Visa News: भारत में मौजूद अमेरिकी दूतावास ने एच-1बी वीजा के अपॉइंटमेंट रद्द कर दिए है. इस कारण हजारों भारतीय फंस चुके हैं. नई वीजा नीति के कारण देरी और भी ज्यादा बढ़ गई हैं. वहीं गूगल ने अपने कर्मचारियों को यात्रा करने से बचने की सलाह दे डाली है.

By: Preeti Rajput | Published: December 21, 2025 11:23:14 AM IST



US H1-B Visa News: दिसंबर में वर्क परमिट के कारण हजारों भारतीय नवीनीकरण के कारण भारत लौटे थे. लेकिन अब एच-1बी वीजा धारक इस समय देश में फंसे हुए हैं. दरअसल, अमेरिकी दूतावास और वाणिज्य दूतावासों की तरफ से अचानक वीजा अपॉइंटमेंट रद्द कर दिए गए हैं. वहीं नई तारीख कई महीने बाद की दी गई है. जिसके चलते अप्रत्याशित देरी के कारण टेक गूगल ने अपने कुछ कर्मचारियों को अंतरराष्ट्रीय यात्रा से बचने की सलाह तक दे डाली है. क्योंकि काफी लंबे समय तक बाहर फंसे रहने का जोखिम अब ज्यादा बढ़ चुका है. 

भारत में फंसे NRI यात्री

वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, 15 से 26 दिसंबर के बीच जिन भारतीयों के अपॉइंटमेंट तय कर दिए गए थे. उनमें से सैकड़ों लोग अमेरिका द्वारा लिए गए इस फैसले से प्रभावित हुए हैं. इन अपॉइंटमेंट को एकदम से रद्द किया गया, इसकी सूचना पहले से नहीं दी गई थी. जिसके कारण यात्रियों और कंपनियों दोनों की स्थिति असमंजस बन चुकी है. 

गूगल ने जारी की चेतावनी 

इस बीच गूगल ने इस स्थिति को गंभीरता से देखते हुए उजागर कर दिया है. कंपनी हर साल 1,000 एच-1बी वीजा कर्मचारियों को नियुक्त करती है. मेमो में कर्मचारियों को चैतावनी जारी कर दी गई है. जिन्हें अमेरिका लौटने के लिए वीजा स्टैंप की जरूरत है, वह लोग इस समय देश से बाहर न जाएं. क्योंकि वीजा प्रोसेसिंग में अब काफी ज्यादा समय कल रहा है. रॉयटर्स के मुताबिक, सितंबर में भी अलफाबेट ने अपने कर्मचारियों को अंतरराष्ट्रीय यात्रा से बचने और एच-1बी धारकों को यात्रा करने से मना किया था. 

ट्रंप के फैसले बढ़ी मुसीबत

एच-1बी कार्यक्रम को लेकर विवादों के कारण यह फैसला लिया गया है. इस कार्यक्रम के तहत पेशेवरों को अमेरिका में काम और रहने की अनुमति दी गई थी. एच-1बी वीजा पाने वालों में 70 प्रतिशत से अधिक लोग भारत के हैं. हालांकि इसके बावजूद ट्रंप ने कड़ा रुख अपनाया है. ट्रंप प्रशासन ने नए एच-1बी आवेदनों पर 1 लाख डॉलर का शुल्क भी लगाया है.

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