Home > देश > कौन था वो इंदिरा गांधी का सबसे खास इंसान? जिसका नाम सुनकर कांपता था पूरा पाकिस्तान, इनके एक हुकुम पर आतंकिस्तान को कराई थी जहन्नुम की सैर

कौन था वो इंदिरा गांधी का सबसे खास इंसान? जिसका नाम सुनकर कांपता था पूरा पाकिस्तान, इनके एक हुकुम पर आतंकिस्तान को कराई थी जहन्नुम की सैर

Sam Manekshaw Death Anniversary: सैम मानेकशॉ इतने बहादुर थे कि उनकी बाहदुरी के किस्से आज भी हर किसी की जुबान पर रहते हैं। आपको बता दें आज यानी 27 जून को उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया था।

By: Heena Heena | Last Updated: June 27, 2025 10:14:09 AM IST



Sam Manekshaw Death Anniversary: सैम मानेकशॉ इतने बहादुर थे कि उनकी बाहदुरी के किस्से आज भी हर किसी की जुबान पर रहते हैं। आपको बता दें आज यानी 27 जून को उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया था। उनकी बहादुरी और युद्ध लड़ने के तरीके की वजह से ही भारत ने पाकिस्तान को युद्ध में हराकर धुल चटाई थी। इस जीत का सारा श्रेय सैम मानेकशॉ को जाता है।  इतना ही नहीं, उन्होंने प्रथम विश्व युद्ध में भी एक अहम किरदार निभाया था। सैम अपनी बुद्धिमता, जिंदादिली और सेंस ऑफ ह्यूमर के लिए हमेशा चर्चाओं में रहते थे। आइए जान लेते हैं कि इन्होने और कौन कौन से बहादुरी के मिसाल कायम किए।

इस तरह बने सैम बहादुर 

दरअसल, सैम बहादुर का जन्म 3 अप्रैल 1914 को अमृतसर, पंजाब में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा नैनीताल के शेरवुड कॉलेज से पूरी की है और बाद में भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून से प्रशिक्षण प्राप्त किया। दरअसल वो इंग्लैंड जाकर पढ़ाई करना चाहते थे लेकिन उनके पिता ने उन्हें इस बात से इंकार कर दिया, इसलिए उन्होंने फैसला लिया कि अब वो देश की सेवा करेंगे जिसके चलते सैम  सेना में भर्ती हो गए और सैम मानेकशॉ से सैम बहादुर बन गए।

लहूलुहान हो गए थे सैम बहादुर 

आपको बता दें, सैम बहादुर 1934 में ब्रिटिश भारतीय सेना में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध में बर्मा में सेवा की, जहाँ वो गंभीर रूप से घायल हो गए। आज़ादी के बाद मानेकशॉ भारतीय सेना में शामिल हो गए और विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर रहे। वहीँ साल 1942 में सैम मानेकशॉ अपने साथियों के साथ बर्मा के मोर्चे पर तैनात थे। युद्ध के दौरान एक जापानी सैनिक ने सैम के शरीर में 7 गोलियां दाग दीं जो उनकी किडनी, आंत और लीवर में लगीं। उनकी हालत देखकर डॉक्टर ने पहले तो उनका इलाज करने से मना कर दिया लेकिन इलाज के बाद यह चमत्कार जैसा हुआ और वो ठीक हो गए।

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