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Nimisha Priya Case: आखिरी कोशिश? अगर ये मुस्लिम शख्स नहीं दिला पाया निमिषा को इंसाफ, तो मौत के कुएं में जाना तय!

Nimisha Priya Case: निमिषा प्रिया के मामले को लेकर हर तरफ चर्चा है। वहीँ कई धर्मगुरु ऐसे हैं जो निमिषा को बचाने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन यमन में मौत की सज़ा पा चुकी निमिशा प्रिया की जान बचाने की अब आखिरी कोशिशें की जा रही है।

By: Heena Khan | Published: July 16, 2025 11:27:38 AM IST



Nimisha Priya Case: निमिषा प्रिया के मामले को लेकर हर तरफ चर्चा है। वहीँ कई धर्मगुरु ऐसे हैं जो निमिषा को बचाने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन यमन में मौत की सज़ा पा चुकी निमिशा प्रिया की जान बचाने की अब आखिरी कोशिशें की जा रही है। आपकी जानकारी के लिए बता दें, मशहूर सूफी संत शेख हबीब उमर बिन हाफिज, यमनी अधिकारियों और मृतक तलाल के परिवार के साथ बातचीत कर रहे हैं और निमिषा की जान बचाने का प्रयास कर रहे हैं।

दिलचस्प बात ये है कि, केरल से उनके गहरे संबंध हैं। वो अक्सर कंथापुरम के ए.पी. अबूबकर मुसवो लियार द्वारा संचालित संस्थानों का दौरा करते रहे हैं। शेख हबीब उमर बा अलवी सूफी परंपरा के एक प्रमुख व्यक्ति हैं। वो यमन के तारिम शहर में स्थित प्रसिद्ध धार्मिक संस्था, दार अल-मुस्तफा, के संस्थापक हैं। यमन में संघर्ष शुरू होने से पहले, यह संस्था केरल के कई छात्रों के बीच काफी मशहूर है। 

प्रभावशाली मुसलामानों की लिस्ट में है नाम 

आपकी जानकारी के लिए बता दें, शेख हबीब उमर को जॉर्डन स्थित रॉयल इस्लामिक स्ट्रैटेजिक स्टडीज़ सेंटर और अमेरिका के जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय द्वारा दुनिया के 500 सबसे शक्तिशाली मुसलमानों की सूची में स्थान दिया गया है। वहीँ 2007 में, उन्होंने “ए कॉमन वर्ड बिटवीन अस एंड यू” नाम की एक वैश्विक संवाद मंच की स्थापना की, जो इस्लाम और ईसाई धर्म के बीच समन्वय को बढ़ावा देता है।

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निमिषा को बचाने की आखिरी कोशिश 

दरअसल, हबीब उमर वो शख्स हैं जिन्हे यमन में समाज के लगभग सभी लोग काफी इज्जत देते हैं। लेकिन कुछ चरमपंथी समूह उन्हें बिलकुल भी पसंद नहीं करते। यह सामाजिक और धार्मिक प्रतिष्ठा उन्हें यमनी सरकार और मृतक के परिजनों के साथ बातचीत स्थापित करने में काफी मजबूत बना रही है। उनके प्रतिनिधियों ने तलाल के परिवार के साथ सीधी बातचीत शुरू कर दी है, जिससे निमिषा प्रिया को क्षमादान के माध्यम से फांसी से बचाने की उम्मीद जगी है। वहीँ अब इसे आखिरी कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।

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