Who is Pooja Pal: कौशांबी की चायल सीट से एमएलए पूजा पाल को यूपी विधानसभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ करना भारी पड़ गया। सपा ने उन्हें पार्टी से निष्काषित कर दिया है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव के हस्ताक्षर वाले पत्र में लिखा है कि पूजा पाल की पार्टी विरोधी गतिविधियों से काफी नुकसान हुआ है। उनका काम पार्टी विरोधी और गंभीर अनुशासनहीनता का है। उन्हें सपा के अन्य सभी पदों से भी हटा दिया गया है। इससे पहले पूजा को 2017 में बसपा से भी निष्कासित किया गया था।
पूजा पाल की टिप्पणियों से सपा असहज महसूस कर रही थी। उनके खिलाफ यह कार्रवाई अचानक नहीं की गई है। पिछले कई महीनों से वह पार्टी लाइन से हटकर काम कर रही थीं। 2024 में होने वाले फूलपुर उपचुनाव में पूजा ने भाजपा उम्मीदवार दीपक पटेल का खुलकर समर्थन किया। उन्होंने घर-घर जाकर दीपक पटेल के लिए वोट मांगे। इससे पहले राज्यसभा चुनाव में भी उन्होंने क्रॉस वोटिंग कर भाजपा उम्मीदवार का समर्थन किया था। वह लखनऊ में कई बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से मिल चुकी हैं।
2005 में हुई थी पति राजू पाल की निर्मम हत्या
25 जनवरी 2005 को प्रयागराज में पूजा पाल के पति और तत्कालीन बसपा एमएलए राजू पाल को दिनदहाड़े मौत के घाट उतार दिया था। पूजा पाल ने पति के इंसाफ के लिए लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी। माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ पर राजू पाल की हत्या का आरोप लगा था। हालाँकि, अब अतीक और अशरफ की भी हत्या हो चुकी है। पूजा पाल इसका श्रेय योगी सरकार को देती हैं। बुधवार को सदन में भी उन्होंने इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार व्यक्त किया और कहा कि उनकी दूरदर्शिता के कारण उन्हें न्याय मिला।
सदन में बोलीं- सीएम योगी ने मुझे इंसाफ दिलाया
सदन में दिवंगत राजू पाल की पत्नी पूजा पाल ने कहा था- “सभी जानते हैं कि मेरे पति मौत के घाट किसने उतारा। उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने मुझे इंसाफ दिलाया। सीएम योगी ने मेरी बात तब सुनी जब कोई सुनने को तैयार नहीं था। प्रयागराज में जीरो टॉलरेंस जैसी नीतियां लागू करके उन्होंने मुझ जैसी कई औरतों को न्याय दिलाया।”
बसपा के टिकट पर पहली बार विधायक बनीं
इलाहाबाद शहर पश्चिमी सीट से विधायक रहे राजू पाल और पूजा की शादी 15 जनवरी 2005 को हुई थी। इसके ठीक 10 दिन बाद राजू की हत्या हो गई। बसपा ने उनकी पत्नी पूजा पर भरोसा जताया और उन्हें उपचुनाव में उतारा। हालाँकि, उन्हें अतीक अहमद के भाई अशरफ से हार का सामना करना पड़ा। 2007 के विधानसभा चुनाव में मायावती ने इसी सीट से पूजा पाल को फिर से टिकट दिया। पूजा पहली बार जीतकर विधानसभा पहुँचीं। 2012 के विधानसभा चुनाव में पूजा पाल ने फिर से जीत हासिल की। हालाँकि, 2017 में उन्हें भाजपा नेता सिद्धार्थ नाथ सिंह से हार का सामना करना पड़ा।
मायावती ने 2018 में उन्हें पार्टी से निकाल दिया था
2017 के विधानसभा चुनाव के कुछ महीने बाद पूजा पाल ने उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से मुलाकात की थी। फरवरी 2018 में मायावती ने उन्हें बसपा से बाहर का रास्ता दिखा दिया था। बसपा ने कहा था कि पूजा पाल पार्टी बदलने की तैयारी कर रही हैं। वहीं, पूजा ने कहा था कि वह अपने पति को न्याय दिलाने के लिए ही केशव मौर्य से मिलने गई थीं।
2019 में सपा के टिकट पर चायल से विधायक बनीं
खैर, 2019 में पूजा पाल समाजवादी पार्टी में शामिल हो गईं। 2022 में सपा ने पूजा को कौशांबी की चायल सीट से टिकट दिया और वह जीत भी गईं। पिछले एक साल से पूजा पाल पर लगातार सपा विरोधी गतिविधियों के आरोप लग रहे हैं। सपा की ओर से जारी पत्र में यह भी कहा गया है कि बार-बार चेतावनी के बावजूद पूजा पाल अनुशासनहीनता बरत रही थीं। अब यूपी के राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा तेज हो गई है कि पूजा भाजपा में शामिल हो सकती हैं। भाजपा 2027 के विधानसभा चुनाव में पूजा पाल को टिकट भी दे सकती है। सोशल मीडिया पर लोग तरह-तरह के कयास लगा रहे हैं। हालांकि, इस मुद्दे पर पूजा पाल की ओर से अभी तक कोई टिप्पणी नहीं आई है।

